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जो काम सरकार 6 साल में नहीं कर पाई, गुलदार ने 6 महीने में कर दिखाया

आए दिन आबादी वाले इलाकों में गुलदार के देखे जाने की खबरें आती रहती है. जंगल से सटे इलाकों में गुलदार का आतंक इतना ज्यादा है कि लोगों ने खुले में शौच करना बंद कर दिया है.

leopard teror in uttarakhand
leopard teror in uttarakhand

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Published : Dec 4, 2019, 8:52 AM IST

देहरादून:प्रशासन का दावा है कि उत्तराखंड के कुछ इलाकों को छोड़ ज्यादातर इलाके खुले में शौच मुक्त हो गए हैं. इस योजना को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाया. वहीं गुलदार की वजह से भी कई इलाके खुले में शौच मुक्त हो गए हैं.

दरअसल, हरिद्वार, अल्मोड़ा, खटीमा, रुद्रप्रयाग समेत प्रदेश के कई इलाकों में गुलदार की चहलकदमी देखी गई है. कई बार सड़क के किनारे गुलदार अपना शिकार तलाशते नजर आ जाता है. जिससे वन विभाग ने लोगों को लगातार गुलदार से सतर्क रहने के लिए जागरुक कर रहा है. गुलदार का आतंक ऐसा है कि लोगों ने खुले में शौच जाना बंद कर दिया है. ऐसे में देखा जाए तो सरकार जो काम जागरुकता अभियान चलाकर सालों में नहीं कर सकी. उसे गुलदार ने कर दिखाया.

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इन इलाकों में गुलदार का आतंक

  • हाल ही में हरिद्वार बाईपास रोड पर गुलदार के आने का एक और वीडियो सामने आया था. जिसमें गुलदार सड़क पार करता हुआ दिख रहा था.
  • पिछले दिनों हरिद्वार के रानीपुर कोतवाली में एक युवक का शव बरामद किया गया था. जिसमें आशंका जताई गई थी कि गुलदार ने युवक को अपना निवाला बनाया है. इससे पहले भी गुलदार इसी क्षेत्र में एक युवक को अपना शिकार बनाया था.
  • उधम सिंह नगर के जसपुर में गुलदार की दस्तक से ग्रामीणों में इतनी दहशत है कि शाम ढलते ही लोग घरों में कैद हो जाते हैं. पतरामपुर, रामनगर बन, बढियोवाला, मेघावाला सहित कई इलाके के लोगों में खौफ है.
  • सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की बात करें तो हवालबाग विकासखंड के डोबा गांव में खुले में शौच करने गए एक बुजुर्ग पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था.
  • पौड़ी जनपद में भी वन महकमा गांव-गांव जाकर लोगों को जागरुक कर रहा है. वन विभाग ने बताया कि बरसात खत्म होने के बाद ग्रामीण अपने घरों के आसपास की झाड़ियों को साफ नहीं करते हैं, जो जंगली जानवरों के छुपने के लिए एक सुरक्षित स्थान होता है. झाड़ियों में छिपे जंगली जानवर छोटे बच्चों और महिलाओं पर हमला कर देते हैं.

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