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सल्ट उपचुनाव के लिए जीना के बड़े भाई ने ठोका दावा, बंशीधर से की मुलाकात

सल्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए दिवंगत नेता सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई ने ताल ठोक दी है. सुरेंद्र सिंह जीना के देहांत के बाद उनके बड़े भाई महेश जीना अब इस सीट पर अपने भाई की विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं. खबर है कि महेश जीना ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से भी मुलाकात की है.

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Published : Dec 23, 2020, 8:42 PM IST

देहरादून:सल्ट विधानसभा में चुनाव लड़ने को लेकर दिवंगत नेता सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई महेश जीना ने खुले रूप से अपनी दावेदारी पेश कर दी है. बता दें कि दिवंगत सुरेंद्र सिंह जीना सल्ट विधानसभा से तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. हाल ही में इलाज के दौरान दिल्ली में उनके निधन से सल्ट विधानसभा सीट खाली हुई है. जिस पर अब उनके बड़े भाई महेश जीना ने दावेदारी पेश कर दी है.

खबर है कि महेश जीना ने इसके लिए देहरादून मैं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से भी मुलाकात की है. मुलाकात के बाद ये साफ हो गया है कि भाजपा अब आगामी उपचुनाव के लिए दिवंगत सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई पर ही दांव खेलने जा रही है. हालांकि इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है. लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस इस सीट पर वॉकओवर देने के मूड में नहीं है. ऐसे में जल्द ही कांग्रेस भी इस सीट के लिए अपने प्रत्याशी का चयन कर सकती है.

भाजपा की तरफ से सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई महेश जीना सल्ट उपचुनाव के लिए सबसे बड़े दावेदार हैं. ऐसे में यह माना जा रहा है कि भाजपा महेश जीना पर ही दांव खेलने जा रही है. हांलाकि महेश जीना जिस तरह से चुनाव लड़ने को लेकर उत्सुक दिख रहे हैं. उससे साफ है कि वो सल्ट विधानसभा से हर हाल में चुनाव लड़ेंगे.

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बता दें कि प्रदेश में भाजपा के साथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी चुनावी मूड में दिख रही है. यूं तो आम आदमी पार्टी इस सीट पर उपचुनाव लड़ेगी, यह पार्टी ने अभी साफ नहीं किया है. लेकिन यदि महेश जीना आप का दरवाजा खटखटाते हैं तो आप इस सीट पर जरूर भाग्य आजमाना चाहेगी. बहरहाल, कांग्रेस भी इस सीट को लेकर जोर आजमाइश में लगी है. पार्टी के उप नेता प्रतिपक्ष करन महरा भी यह साफ कर चुके हैं कि पार्टी इस सीट पर चुनाव लड़ेगी.

ऐसे में फिलहाल पार्टी की तलाश इस सीट पर किसी मजबूत उम्मीदवार की है. दिवंगत नेता सुरेंद्र सिंह जीना के रहते कांग्रेस इस सीट पर कमजोर ही रही है. इसलिए किसी मजबूत प्रत्याशी को चुनना पार्टी की प्रमुख प्राथमिकता है. इस सीट को भगवा से हटाकर कांग्रेसी रंग में ढालने की भी कोशिश है. वैसे रामनगर से चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह रावत भी इस सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं. हालांकि हरीश रावत कभी नहीं चाहेंगे कि रणजीत रावत को इस सीट पर टिकट दिया जाए. इन सभी गणित के बीच सुरेंद्र सिंह जीना के परिवार से जुड़े किसी शख्स को ही चुनाव में उतारने की सभी की प्राथमिकता रहेगी, ताकि सिंपैथी वोट हासिल किया जा सके.

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