ऋषिकेश:परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने गोवा के मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षा मंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर की आत्मा की शांति के लिए हवन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. परमार्थ निकेतन में उनकी स्मृति में रूद्राक्ष का पौधा रोपित किया. वहीं गंगा आरती कर मनोहर पर्रिकर की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई.
ऋषिकेश: गंगा आरती में पर्रिकर की आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना, स्मृति में रोपित किया रूद्राक्ष का पौधा
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने कहा कि सादगीपूर्ण जीवनशौली, सरल व्यवहार और उत्कृष्ट व्यक्तित्व के धनी पर्रिकर का निधन अपूरणीय क्षति है. उन्होंने कहा कि मनोहर पर्रिकर का असमय जाना और रिक्त हुआ स्थान भर पाना कठिन है.
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द ने कहा कि सादगीपूर्ण जीवनशौली, सरल व्यवहार और उत्कृष्ट व्यक्तित्व के धनी पर्रिकर का निधन अपूरणीय क्षति है. उन्होंने कहा कि मनोहर पर्रिकर का असमय जाना और रिक्त हुआ स्थान भर पाना कठिन है. साथ ही स्वामी चिदानन्द ने कहा कि वे भारतीय राजनीति की धुरी थे, उन्होंने उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के राज्यों के संगम में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. साथ ही वे दयानन्द सामाजिक सुरक्षा योजना, साइबरएज योजना, सी एम रोजगार योजना जैसी अनेक समाज सुधार योजनायें शुरू कर सीधे समाज से जुड़े रहे. आईआईटी मुंबई से स्नातक मनोहर पर्रिकर अत्यंत विनम्र स्वभाव के थे और अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को गोवा में लाने का श्रेय उन्हीं को जाता है.
स्वामी चिदानंद ने कहा कि मनोहर पर्रिकर के पंचतत्व में विलीन होने का समाचार सुनकर मन अत्यंत द्रवित हो उठा. भारत की राजनीति में उनका योगदान अविस्मरणीय है. चार बार गोवा के मुख्यमंत्री पद पर बने रहना उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है. ईश्वर पर्रिकर की आत्मा को शांति प्रदान करे. उनके परिवार के सदस्यों को इस दुःख की घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करे. स्वामी चिदानन्द और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने गंगा के तट पर मौन रखकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की.