देहरादून:नगर में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम ले रहा है. लगातार बढ़ते मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक के आदेश पर दून अस्पताल में 16 बेड का एक अलग डेंगू वार्ड भी बनाया गया है, ताकि डेंगू के मरीजों को किसी तरह की समस्या न हो. जबकि, अभी भी अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है.
दून अस्पताल में स्टाफ का टोटा, दर-बदर भटकने को मजबूर मरीज - दून के सरकारी अस्पताल में डेंगू के बढ़े मरीज
देहरादून में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, तो वहीं, दून के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में स्टाफ की कमी बनी हुई है. ऐसे में सीमित स्टाफ से ही काम चलाना पड़ रहा है.
![दून अस्पताल में स्टाफ का टोटा, दर-बदर भटकने को मजबूर मरीज](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-4122489-thumbnail-3x2-dehradun---copy.jpg)
वहीं, इस मामले में दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि अस्पताल के पास स्टाफ की भारी कमी है. ऐसे में कम स्टाफ के सहयोग से ही अस्पताल में काम चलाया जा रहा है. अस्पताल में वार्डबॉय और लैब टेक्निशियन के अलावा स्टाफ नर्सों का भी अभाव है. ऐसे में एक लैब टेक्निशियन 12 से 16 घंटे काम करते हुए डेंगू की जांच कर रहा है.
गौरतलब है कि जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल होने के कारण यहां प्रतिदिन दो हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आतें हैं, वहीं दून मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है. आलम ये है कि एक तरफ डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ दून अस्पताल मेडिकल स्टाफ की कमी झेल रहा है. जबकि, स्वास्थ्य महकमे की कमान खुद सीएम के हाथों में है.