देहरादून:पहाड़ी क्षेत्रों में जहां एक तरफ भारी बर्फबारी हो रही है तो इसका असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिखने लगा है. अगर खासकर बात सरकारी अस्पतालों की करें तो सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगी है. वहीं, दून मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी सुविधाएं नहीं की गई हैं. इसे लेकर मरीज अपने घरों से रजाई गद्दे व अलाव की व्यवस्था स्वयं कर रहे हैं. हालांकि, अस्पताल में स्टॉफ नर्सों और डॉक्टरों के लिए अस्पताल प्रशासन ने अलाव जरूर मुहैया करवा रखे हैं.
तीमारदारों की मानें तो अस्पताल में मरीज की सही तरीके से देख-रेख हो रही है लेकिन काफी सर्दी होने के कारण अस्पताल प्रशासन ने कोई हीटर की व्यवस्था नहीं कर रखी है. इसलिए हम लोग हीटर घर से लेकर आये हैं. ठंड के कारण मरीज परेशान होते हैं इसलिए हीटर लगाना चाहिए.
वहीं दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ केसी पंत की मानें तो बढ़ती सर्दी के चलते अस्पतालों में मरीजों की तादाद भी बढ़ने लगी है. खासकर उन मरीजों की तादाद बढ़ रही है जिनमें हार्ट के मरीज ज्यादा हैं. साथ ही पंत ने कहा कि इस सर्द मौसम में लोगों को पूरे कपड़े पहनने चाहिए.हालांकि, वे यह भी मानते हैं कि पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि पहाड़ों में सड़क ब्लॉक होने से कई मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं इससे वहां पर यह जीवन-यापन करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
ऐसे में एक बात तो साफ है कि भले ही दून प्रशासन ने अस्पताल के कर्मचारियों के लिए अलाव की व्यवस्था कर दी हो लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीज भगवान भरोसे है. बहराल देखना होगा कि दून अस्पताल प्रशासन मरीजों के लिए कोई व्यवस्था करता है या फिर इसी तरह से मरीजों को ठंड में ठिठुरना पड़ेगा. उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में ठंड से बचने के लिए भर्ती मरीजों के लिए हीटर का इंतजाम तक नहीं है. ठंड के कारण मरीज ठिठुर रहे हैं वार्डों में हीटर आदि की पर्याप्त सुविधा नहीं होने से जच्चा-बच्चा वार्ड की स्थिति और भी खराब है. तापमान में गिरावट होने की वजह से अस्पताल में भर्ती मरीजों की हालत और खराब हो गई है.