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विकासनगर: महज रेफर सेंटर बने हॉस्पिटल, डॉक्टरों की कमी मरीजों पर पड़ रही भारी - Vikas Hospital due to lack of facilities

जौनसार बावर क्षेत्र में हॉस्पिटल महज रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं. जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रही है.

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सुविधाओं के अभाव में अस्पताल

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Published : Jan 21, 2020, 2:57 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 9:22 PM IST

विकासनगर: जौनसार बावर क्षेत्र में हॉस्पिटल महज रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं. जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रही है. जिसकी तस्दीक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चकराता और साहिया कर रहे हैं. जहां साल में लगभग 200 से 250 इमरजेंसी केस रेफर किए गए. यहीं हाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिवनी और कालसी का भी है.

जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र में बड़े- बड़े अस्पताल बने हुए हैं. जो महज रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं. आए दिन पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाएं होती है. ऐसे में इमरजेंसी केस को अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. कई बार रेफर करने पर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.

सुविधाओं के अभाव में अस्पताल

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गौर हो कि त्यूणी से विकास नगर की दूरी लगभग 150 किमी है. चकराता से मरीजों को विकास नगर रेफर किया जाता है. जबकि चकराता से विकास नगर की दूरी लगभग 100 किमी है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साहिया से विकास नगर की दूरी लगभग 30 किमी है. लंबी दूरी होने के कारण कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. वहीं सरकार और विभाग अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती नहीं कर पा रहा है.

बीते एक दशक से जौनसार बावर के लोग कई बार डॉक्टरों की तैनाती की मांग कर चुके हैं. बावजूद इसके सरकारों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

स्थानीय निवासी मुन्ना सिंह ने बताया कि एक भी अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. इस कारण मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. कुछ मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. सरकारें आती है और चली जाती हैं, लेकिन इन अस्पतालों में अभी तक विशेषज्ञ डॉक्टरों का टोटा बना हुआ है.

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसर सिंह ने बताया कि अस्पतालों में ऑर्थोपेडिक सर्जन और जनरल सर्जन की कमी है. जिससे आपातकालीन स्थिति में कई केस रेफर करने पड़ते हैं. वहीं डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र साहिया में ऑर्थोपेडिक जनरल सर्जन की कमी है. जिसके कारण से केस रेफर करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्राचार किया जा चुका है.

वहीं डिप्टी सीएमओ डॉक्टर संजीव दत्त ने बताया कि विभाग द्वारा कोशिश की जा रही है. ऑर्थोपेडिक सर्जन व जनरल सर्जन की पोस्ट की तैनाती नई गाइड लाइन के अनुसार हर एक सीएससी को सुदृढ़ करना विभाग का लक्ष्य है. वहीं डॉक्टरों की तैनाती के लिए विभाग प्रयासरत है.

Last Updated : Jan 21, 2020, 9:22 PM IST

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