देहरादून: प्रदेश सरकार विभिन्न सस्थानों और सरकारी हॉस्टल को पीपीपी मोड पर दे रही है. जिनके संचालन के लिए विभिन्न कम्पनियां आ तो रही हैं. लेकिन अतिरिक्त अधिभार और आधी अधूरी तैयारियां इन निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर रही हैं. ऐसी ही बानगी देखने को मिल रही है हरिद्वार के इंदिरा प्रियदर्शिनी कामकाजी महिला हॉस्टल में, जहां कम्पनी ने हॉस्टल संचालन के लिए ले तो लिया, लेकिन बाद में पता लगा की हॉस्टल के सालभर के अधिभार से अधिक वहां बिजली के बिल का बकाया चल रहा है.
प्लेटिनम होम व्यू सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की हेड ऑफ डिपार्टमेंट वर्षा चौधरी ने बताया कि पीपीपी मोड पर लिए हॉस्टल की सच्चाई जानकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है. क्योंकि हॉस्टल पर पहले ही 18 लाख रुपए बिजली का बिल बकाया चल रहा है. जबकि, संचालक को हॉस्टल संचालन के लिए 17 लाख रुपए अधिभार के तौर पर सरकार को देना है. वहीं, फिलहाल हॉस्टल में मात्र 20 लड़कियां ही रह रही हैं, ऐसी स्थिति निवेशकों को भी सोचने पर मजबूर कर रही है.