डोईवाला: विधानसभा के क्षेत्र के अंतर्गत रामनगर डांडा के ग्रामीण 18 वर्षों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की विधानसभा होने के बाद भी और राजधानी से मात्र 18 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में मूलभूत सुविधाएं न होने से ग्रामीण मजबूर हैं. जबकि, यह क्षेत्र शहीद नरपाल सिंह के नाम से भी जाना जाता है. बावजूद इसके ग्रामीण 18 वर्षों से सड़क की बाट जोह रहे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि वह मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अभी सड़क निर्माण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे ग्रामीणों में विभागीय अधिकारियों के प्रति आक्रोश भी देखने को मिल रहा है.
CM की त्रिवेंद्र की विधानसभा में मुलभूत सुविधाओं का अभाव ग्रामीणों का कहना है कि तीन किलोमीटर लंबी इस सड़क की स्थित बेहद ही खराब है और इस सड़क पर गाड़ी चलना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. लेकिन किसी भी अधिकारी ने अभी तक सड़क निर्माण के लिए कोई संज्ञान नहीं लिया है. जिससे आम जनता के साथ-साथ बच्चों को स्कूल आने जाने में भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मुख्यमंत्री की विधानसभा होने के बावजूद भी ग्रामीणों को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है.
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राज्यमंत्री करण वोहरा का कहना है कि उनके संज्ञान में सड़क निर्माण का मामला अभी सामने आया है, उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से क्षेत्र का भ्रमण कर शीघ्र ही सड़क निर्माण कराने के लिए कहा है. गौर हो कि डोईवाला विधानसभा जिसे आदर्श विधानसभा बनाने के लिए डोईवाला के विधायक और सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार विकास को गति दे रहे हैं. लेकिन उनकी विधानसभा से मात्र 18 किलोमीटर दूर यह रामनगर डांडा की बदहाल सड़क सरकार और डोईवाला के जनप्रतिनिधियों को आईना दिखाने का काम कर रही है.