देहरादून: देश-दुनिया में श्रमिकों के हितों के लिए कई कानून बनाए गए हैं. इन कानूनों का मकसद मजदूर वर्ग को शोषण से बचाना और उन योजनाओं का लाभ दिलाना है. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर ईटीवी भारत इस बार सूबे के श्रम विभाग की वो तस्वीर दिखाने जा रहा है. जिसके बाद आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि उत्तराखंड का श्रम विभाग श्रमिकों को लेकर कितना गंभीर है. देखिये ये खास रिपोर्ट...
बता दें कि देश में संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. अमूमन सभी राज्यों में जनसंख्या के अनुपात में ये बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. इस बीच उत्तराखंड के श्रम विभाग की एक चौंकाने वाली खबर ये है कि विभाग के पास सूबे में कार्य करने वाले श्रमिकों का कोई आंकड़ा ही नहीं है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का कितना लाभ मिल रहा है. इतना ही कि सूबे में बाकी राज्यों की तर्ज पर एक अलग श्रम मंत्रालय का गठन भी किया गया है. इसके बावजूद राज्य में संगठित और असंगठित क्षेत्र में कुल श्रमिकों की संख्या का मंत्रालय को कोई पता नहीं है.