डोईवालाःपूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोईवाला विधानसभा के कुड़कावाला मार्ग के बोर्ड का अनावरण किया. अब इस मार्ग को वीरांगना अवंतीबाई मार्ग के नाम से जाना जाएगा. इस दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अंवती बाई को प्रेरणाश्रोत बताया.
भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली रानी अवंतीबाई लोधी ने 20 मार्च 1858 को शहादत दी थी. उन्हीं को याद करते हुए डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत कुड़का वाला मुख्य मार्ग का नाम रानी अवंतीबाई लोधी रखा गया है. जिसका पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अनावरण किया.
वीरांगना अवंतीबाई लोधी के नाम से जाना जाएगा कुड़कावाला मार्ग. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अवंतीबाई लोधी ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की पहली लड़ाई में जान की बाजी लगा दी थी और बेहद कम उम्र में ही अपने प्राणों को देश के लिए न्यौछावर कर दिया था.
कुड़का मार्ग के बोर्ड का अनावरण ये भी पढ़ेंःपूर्व सीएम त्रिवेंद्र की अब बदल गई दिनचर्या, जानिए आजकल क्या कर रहे हैं टीएसआर
वहीं, नगर पालिका सभासद मनीष धीमान ने बताया कि रानी अवंतीबाई लोधी ने भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में आजादी दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जो 20 मार्च 1858 को शहीद हो गई थी.
जानिए कौन थी रानी अवंतीबाई
बता दें कि रानी अवंतीबाई भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली प्रथम महिला शहीद वीरांगना थी. 1857 की क्रांति में रामगढ़ की रानी अवंती बाई रेवांचल से मुक्ति आंदोलन के सूत्रधार थी. साल 1857 में मुक्ति आंदोलन में इस राज्य की अहम भूमिका थी. जिसके बाद भारत के इतिहास में एक नई क्रांति आई. 20 मार्च 1858 को वीरांगना अवंतीबाई ने अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ते हुए देश के लिए प्राणों की आहुति दे दी.