देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान होने में महज 5 दिन ही शेष है. ऐसे में काफी देर ही सही, लेकिन भाजपा ने आज अपना दृष्टि पत्र जारी कर दिया. वहीं, भाजपा का दृष्टि पत्र जारी होते ही इसकी तुलना कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र से की जा रही है. क्या है दोनों का तुलनात्मक विश्लेषण, आइए जानते हैं.
उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होने हैं. ऐसे में हर राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए अपना पूरा दमखम लगा रहा है. वहीं, प्रदेश के दो बड़े दल बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के लिए जनता से कई बड़े वादे भी कर रहे हैं. उत्तराखंड की जनता कांग्रेस या बीजेपी को क्यों अपना मत दें, इसके लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपना घोषणा पत्र जनता के सामने रखा है. दोनों ही दल अपने मेनिफेस्टो से जनता को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं. प्रदेश में उनकी क्या प्राथमिकता रहेगी, इस विजन को लेकर दोनों दलों ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है.
कांग्रेस का मेनिफेस्टो: बात अगर कांग्रेस की करें तो उन्होंने अपना चुनावी कैंपेन चार धाम, चार काम के नाम से चलाया है. वैसे तो कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कई अहम बिंदु रखे हैं, लेकिन कांग्रेस ने अपने चार बड़े कामों को ज्यादा प्रोजेक्ट किया है. कांग्रेस ने उत्तराखंड में अपने प्रतिज्ञा पत्र में खासतौर से चार बड़े काम करने का वादा किया है. इन चार काम में कांग्रेस ने महंगाई, रोजगार, गरीब परिवारों की मदद और गांव-गांव तक सुविधाओं को पहुंचाने का वादा किया है. ये है कांग्रेस के चार धाम, चार काम.
पहला काम: गैस सिलेंडर को ₹500 से ऊपर ना जाने देने का वादा.
दूसरा काम: चार लाख युवाओं को गारंटी के साथ रोजगार देने का वादा.
तीसरा काम: सालाना 5 लाख गरीब परिवार को ₹40 हजार का आर्थिक मदद का वादा.
चौथा काम: स्वास्थ्य सुविधाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का वादा.