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Fibrosis Disease: पोस्ट कोविड मरीजों को हो रही लंग्स फाइब्रोसिस की समस्या, जानिए कैसे करें बचाव? - Fibrosis problem pulmonary fibrosis

साल 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण ने देश में भारी तबाही मचाई थी. संक्रमण की पहली लहर में ना सिर्फ लाखों लोग कोरोना की चपेट में आए, बल्कि कई लोगों की मौत भी हो गई. वर्तमान में उत्तराखंड राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले भले ही बेहद कम सामने आ रहे हो, लेकिन पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन अब मरीजों में देखा जा रहा है. दरअसल, प्रदेश में भीषण ठंड के बीच पोस्ट कोविड मरीजों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस की समस्या सबसे अधिक देखी जा रही है. आखिर क्या है फाइब्रोसिस बीमारी, क्या कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है? देखिए इस रिपोर्ट में...

post covid illness
फाइब्रोसिस की समस्या

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Published : Jan 22, 2023, 9:26 AM IST

Updated : Jan 22, 2023, 1:32 PM IST

नजर अंदाज न करें पोस्ट कोविड ये लक्षण

देहरादून:वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को मात देकर सामान्य जीवन जी रहे लोगों को भी कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. हालांकि, कुछ लोगों में संक्रमण को मात देने के बाद भी थकावट, बालों का झड़ना, कमजोरी और हार्ट की बीमारियां का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, कई मरीजों को कोरोना से रिकवर होने के महीनों बाद भी सांस लेने में परेशानी हो रही है. डॉक्टरों के मुताबिक, ये लंग्स फाइब्रोसिस की बीमारी हो सकती है. क्योंकि कोविड से संक्रमित हुए लोगों में लंग्स फाइब्रोसिस के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं. लंग्स फाइब्रोसिस एक खतरनाक रोग है, जिसमें फेफड़े खराब होने की संभावना काफी अधिक रहती है.

पोस्ट कोविड के बाद शरीर में हो रहे बदलावों पर ध्यान देने की है जरूरत:फाइब्रोसिस फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें फेफड़े के टिश्यू क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और फेफड़े सिकुड़ जाते हैं. साथ ही इस बीमारी के होने से फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने लगती है और वे ठीक से काम नहीं कर पाते हैं, जिस कारण सांस लेने में परेशानी होने लगती है. अगर समय रहते इस बीमारी को ठीक नहीं किया गया तो जीवन भर का रोग बन सकता है.

हालांकि, इस तरह के मामले अब बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीज अपने शरीर में आ रहे बदलावों पर गौर करें, क्योंकि, जितनी जल्दी इसका पता चलेगा उतनी जल्दी यह काबू में आएगा. यही नहीं, ठंड के मौसम में लंग्स फाइब्रोसिस बीमारी के मामले और अधिक सामने आ रहे हैं.
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इन मरीजों को होता है फाइब्रोसिस होने का खतरा:डॉक्टरों के अनुसार, पोस्ट कोविड फाइब्रोसिस तब होता है, जब कोविड संक्रमण के कारण फेफड़ों के नाजुक हिस्सों को नुकसान पहुंचता है और उनमें झिल्ली बन जाती है. इससे फेफड़ों की कार्यक्षमता घट जाती है. ऐसे में जब फेफड़े की कार्यक्षमता घटेगी, तो शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन- डाइऑक्साइड का संतुलन गड़बड़ाने लगेगा. खासकर जो मरीज मोटापा, फेफड़ों की बीमारी, डायबिटीज इत्यादि से पीड़ित रहे हों, उनमें फाइब्रोसिस का खतरा ज्यादा होता है. इसके अलावा लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रह चुके लोगों में इसका खतरा होता है.

इन लक्षणों पर ध्यान देने की है जरूरत:कोविड से उबर चुके वो लोग जिनको थोड़ा बहुत चलने पर ही थकान, सांस फूलना, सांस लेने में परेशानी हो, ऑक्सीजन लेवल में उतार-चढ़ाव, लंबे समय तक सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई दें तो, उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर खांसते या छींकते समय छाती में दर्द होता है, तो भी हो सकता है कि आप पल्मोनरी फाइब्रोसिस के शिकार हुए हैं. ऐसे में किसी पोस्ट कोविड सेंटर में जाकर अपनी जांच करवाएं. सीटी स्कैन के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि आपके फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा है और उसी हिसाब से इलाज किया जाता है.

फाइब्रोसिस से बचने के लिए इम्यूनिटी बढ़ने पर दें विशेष ध्यान:दून अस्पताल के फिजिशियन डॉ. कुमार जी कॉल ने बताया कि फाइब्रोसिस से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपने इम्यूनिटी बढ़ाए जाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि अगर बॉडी की इम्यूनिटी ठीक होगी तो बॉडी अपने आप सभी चीजों को ठीक कर लेगा. साथ ही लंग्स को मजबूत करने के एक्सरसाइज करें. इसके अलावा खाने-पीने में विशेष ध्यान देने दें. अपने आहार में प्रोटीन युक्त चीजें शामिल करें. सुबह शाम गुनगुना पानी पीएं. इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें.

Last Updated : Jan 22, 2023, 1:32 PM IST

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