देहरादून:वैसे तो उत्तराखंड में हर जगह, पहाड़, गांव और शहर बेहद खूबसूरत है. उत्तराखंड आकर लोग प्राकृतिक सुंदरता और यहां की सुंदर वादियों का आनंद लेते हैं. लेकिन आज हम आपको चुनिंदा जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ना तो ज्यादा लोग जानते हैं और उत्तराखंड आकर इन जगहों से अछूते रह जाते हैं, तो अगर आप आने वाले दिनों में उत्तराखंड आने का प्लान कर रहे हैं, तो हम आपको बताते हैं कि वह कौन से ऐसे खूबसूरत स्थान है, जहां पर आप आकर अपनी यात्रा को और भी ज्यादा खूबसूरत और यादगार बना सकते हैं.
लैंसडाउन की बात अलग:उत्तराखंड के कोटद्वार शहर के पास पौड़ी जिले में स्थित एक जगह है, जिसका नाम है लैंसडाउन. वैसे तो बहुत से लोग इस नाम से वाकिफ हैं, लेकिन अगर आप जहां के बारे में नहीं जानते हैं. तो हम आपको बताते हैं. लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल का एक छोटा सा हिल स्टेशन है. हालांकि, यहां पर अत्यधिक पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था तो नहीं है. लेकिन अगर आप पहले से बुकिंग करवा कर खूबसूरत मौसम में यहां की वादियों का आनंद लेना चाहते हैं, तो आप को यहां आकर बेहद आनंद की अनुभूति होगी.
दिल्ली से लगभग 7 घंटे का सफर तय करके इस जगह पर पहुंचा जा सकता है. लैंसडाउन का असली नाम कालू डंडा भी है. गढ़वाली में इस शब्द का मतलब काला पत्थर होता है. लैंसडाउन में आकर आपको छोटी-छोटी झीलों का अनुभव तो होगा, ही साथ ही साथ भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य की एक अलग तस्वीर भी यहां पर आपको देखने को मिल जाएगी. यहां पर बच्चों के खेलने के पार्क और खूबसूरत रिजॉर्ट के साथ-साथ आप यहां पर कैंपिंग भी कर सकते हैं. अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं तो यह जगह आपके लिए बेहद मुफीद साबित होगी.
मौसम की अगर बात करें तो लैंसडाउन उत्तराखंड के उन चुनिंदा हिल स्टेशनों में से एक है, जहां का मौसम साल के 12 महीने बेहद सर्द रहता है. आप यहां पर अगर पहुंचना चाहते हैं तो आप दिल्ली से ट्रेन से कोटद्वार तक आ सकते हैं. इसके साथ ही यहां तक कार और बस सेवा भी है. अगर आप हवाई सर्विस से यहां आना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको देहरादून जौलीग्रांट एयरपोर्ट आना पड़ेगा. उसके बाद आपको लगभग 150 किलोमीटर का सफर रोड के माध्यम से तय करना पड़ेगा, तब जाकर आप यहां पहुंच सकते हैं.
लैंसडाउन में आप अगर रुकने की व्यवस्था पहले से कर लेते हैं, तो बेहतर रहेगा. यहां पर आपको होमस्टे से लेकर होटल और रिसॉर्ट के साथ कैंपिंग का भी ऑप्शन मिल जाता है. हालांकि, रूम की अगर बात करें तो सर्दियों में यहां पर आपको ₹700 से लेकर ₹10 हजार तक का कमरा उपलब्ध हो जाएगा. लैंसडाउन में आप पहाड़ी व्यंजनों का भी आनंद ले सकते हैं.
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मुनस्यारी मोह लेगा मन:उत्तराखंड में कुछ स्थानों को लेकर ही हमेशा चर्चा होती है. पर्यटक भी उन्हीं जगहों पर जाना चाहते हैं, लेकिन नैनीताल मसूरी से अलग भी उत्तराखंड में बहुत से ऐसे हिल स्टेशन है, जो बेहद मन को मोह लेते हैं. उन्हीं में से एक जगह है पिथौरागढ़ जिले में स्थित मुनस्यारी. यह स्थान इतना खूबसूरत है, कि इसको मिनी कश्मीर भी कहते हैं. कहा जाता है कि यहां के पर्वत और यहां की प्राकृतिक सुंदरता कश्मीर से कम नहीं है. हालांकि, बहुत से पर्यटक यहां पर जाते जरूर हैं. लेकिन आज भी उत्तराखंड आने वाले कई पर्यटक इस स्थान से अनभिज्ञ हैं.
23 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह पर्यटक स्थल वैसे तो अधिकतर समय बर्फ से ढका रहता है. यहां पर गर्मियों में सबसे अधिक पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है. इस जगह पर जाने के बाद आप वृत्ति जलप्रपात, काला मुनि टॉप, महेश्वरी कुंड और मेडकोट जैसे स्थान आपको मिल जाएंगे. इसके साथ ही यहां से आपको नंदा देवी, नंदा कोट और पंचाचुली जैसी पर्वत श्रृंखला के भी आसानी से दीदार हो जाएंगे. यह स्थान भी ट्रेकिंग और ग्लेशियरों को पसंद करने वाले लोगों को बेहद भाता है. यहां पर आकर आप पहाड़ के उन गांवों में भी भ्रमण कर सकते हैं, जो बेहद खूबसूरत उत्तराखंड शैली से बने हुए हैं.
अगर आप दिल्ली से इस जगह पर आना चाहते हैं, तो आपको यहां आने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर पड़ता है. टनकपुर के बाद आपको सड़क मार्ग से ही लगभग 273 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा, जबकि नजदीकी एयरपोर्ट इस जगह से 336 किलोमीटर दूर है. खास बात यह है कि मार्च से लेकर नवंबर महीने तक इस जगह पर घूमना सबसे अच्छा समय होता है.
हर्षिल वैली नहीं देखी तो कुछ नहीं देखा:उत्तराखंड का एक जिला है उत्तरकाशी और जिले में एक बेहद खूबसूरत वैली है, जिसका नाम है हर्षिल वैली. इस वैली को उत्तराखंड में स्वर्ग के नाम से भी जाना जाता है. यह स्थान भी अमूमन बर्फ से ढका रहता है. आपको एक फिल्म याद होगी, जिसका नाम है 'राम तेरी गंगा मैली हो गई', इस फिल्म की अधिकतर शूटिंग इसी वैली के आसपास हुई है. यहां के झरने देवदार के पेड़ और खूबसूरत गांव के साथ-साथ छोटी-छोटी सड़कें. आप का मन मोह लेंगे.
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पहले इस जगह का नाम हरिस शीला हुआ करता था. यहां अगर आप हवाई सेवा से आना चाहते है, तो आप जौलीग्रांट हवाई अड्डे तक आ सकते हैं. उसके बाद यहां से सड़क मार्ग से 200 दूर तय करना होगा. इसके साथ ही ऋषिकेश तक आप ट्रेन से आकर यहां से भी सड़क मार्ग से जा सकते हैं, बस टेक्सी से आप जा सकते है.
धनौल्टी के बारे में जाने:अब बात करते हैं मसूरी के पास स्थित एक ऐसे पर्यटक स्थल की जहां आपको जरूर जाना चाहिए. इसका नाम है धनौल्टी. धनौल्टी टिहरी जिले का हिस्सा है. मसूरी से लगभग 24 मिनट का रास्ता तय करके आप यहां पर पहुंच सकते हैं. यह पूरा पर्यटक स्थल बेहद शांत और देवदार के जंगलों से घिरा हुआ है. पहाड़ों की चोटियों और छोटे-छोटे गांव आपका यहां पर मन मोह लेंगे. अमूमन लोग मसूरी से आकर अपनी छुट्टियां बिताकर वापस चले जाते हैं. लेकिन अगर आप प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो धनौल्टी आपके लिए बेहद शानदार जगह हो सकती है.
धनौल्टी के रास्ते ही आप टिहरी गढ़वाल लिया यह कहे टिहरी डैम तक भी जा सकते हैं. चंबा से इसकी दूरी लगभग 29 किलोमीटर है, यहां पर आपको टूरिस्ट गेस्ट हाउस होटल और रिजॉर्ट आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे. बर्फबारी के सीजन में यहां पर शानदार बर्फबारी होती है. इस जगह पर पहुंचने के लिए आप टैक्सी बस का प्रयोग भी कर सकते हैं. इसके साथ ही अगर आप हवाई यात्रा से उत्तराखंड आ रहे हैं तो आपको जौलीग्रांट तक हवाई मार्ग के बाद लगभग 60 किलोमीटर का सफर तय सड़क मार्ग से करना होगा. धनौल्टी प्राकृतिक प्रेमियों के लिए बेहद शानदार जगह है. इसके साथ ही यहां पर आप बच्चों को एडवेंचर से भी रूबरू करा सकते हैं.
चकराता से हो जायेगा आपको प्यार:राजधानी देहरादून के नजदीक सबसे खूबसूरत एक पर्यटन स्थल है, जिसका नाम है चकराता. चकराता का नाम आपने बेहद कम सुना होगा और हम यह भी दावे के साथ कहते हैं कि उत्तराखंड या मसूरी आने वाला भी पर्यटक, यहां बेहद कम जाता है. लेकिन अब धीरे-धीरे इस पर्यटक स्थल को एक नई पहचान मिल रही है. देहरादून से लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर स्थित चकराता को बर्फबारी के सीजन में आप मिनी स्विट्जरलैंड (Mini Switzerland) भी कह सकते हैं.
बेहद खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ ऊंची-ऊंची पहाड़ों की चोटियां और हरे-भरे जंगल यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं, जिला का जौनसार बाबर जनजाति के आकर्षण गांव के लिए भी प्रसिद्ध है. इस गांव का इतिहास बेहद पुराना है. बर्फबारी के मौसम में यहां पर आप स्कीइंग का भी मजा ले सकते हैं. खास बात यह है कि यह इलाका ब्रिटिश सेना के 55 रेजीमेंट जवानों का भी गवाह रहा है. यहां की आबोहवा इतनी शानदार थी, यहां पर अंग्रेज अपनी आर्मी को ट्रेनिंग दिलवा थे.
इस इलाके में आप टाइगर फॉल, बुद्ध की गुफाएं जैसे पर्यटक स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं, यहां पर आपको होटल रिजॉर्ट और होमस्टे की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. देहरादून एयरपोर्ट से इलाका लगभग 160 किलोमीटर दूर है, राज्य सरकार चकराता को डिवेलप करने के लिए कई तरह के और कदम भी उठा रही है. आने वाले समय में अगर आप उत्तराखंड आने का प्लान कर रहे हैं, तो यह बेस्ट डेस्टिनेशन है, जिनके बारे में लोग बेहद कम जानते हैं. अगर आज तक गए नहीं है तो हमारी यह सलाह है कि आप उत्तराखंड आएं तो प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के साथ-साथ इन शानदार स्थानों का भी आनंद ले सकते हैं.