महाभारत के युद्ध में इस पौधे से किया जाता था घायलों का इलाज, आज अस्तित्व मंडरा रहा खतरा - रीवा
शल्यकर्णी दुर्लभ प्रजाति का पौधा है जिसका उपयोग घाव ठीक करने में किया जाता है. वन विभाग लगातार इसे को विकसित करने का प्रयास कर रहा है जिससे इसे जल्द औषधि के रूप में उपयोग लिया जा सके.
शल्यकर्णी दुर्लभ प्रजाति का पौधा.
रीवा:घाव ठीक करने की दवा है शल्यकर्णी. शल्यकर्णी दुर्लभ प्रजाति का पौधा है जो अब सिर्फ रीवा में पाया जाता है. महाभारत युद्ध में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया था, उस दौरान तीर भाला और तलवार से घायल होने वाले सैनिकों का घाव ठीक करने के लिए इसका बड़ा उपयोग किया जाता था.