उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने उठाए पार्टी पर सवाल, गढ़वाल-कुमांऊ के सियासी वर्चस्व को लेकर की 'चोट'

किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ के बयान के बाद कांग्रेस असहज हो गई है. उन्होंने पार्टी के बड़े पदों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि गढ़वाल की उपेक्षा की जा रही है. जबकि, प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष का पद कुमाऊं को दिया है. वहीं, इस बयान के बाद कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है.

Kiccha MLA Tilak Raj Behar
तिलकराज बेहड़ का बयान

By

Published : Apr 5, 2023, 6:23 PM IST

Updated : Apr 5, 2023, 7:45 PM IST

उपेक्षा पर छलका तिलक राज बेहड़ का दर्द.

देहरादूनःकांग्रेस के वरिष्ठ नेता और किच्छा से विधायक तिलक राज बेहड़ के बयान पर सियासत गरमा गई है. बेहड़ ने कहा कि कांग्रेस ने बड़े पदों पर जिन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है, उन पदों को कुमाऊं को देने से पार्टी में असंतुलन पैदा हो सकता है. साथ ही उन्होंने गढ़वाल की उपेक्षा का आरोप लगाया है. इन आरोपों पर कांग्रेस का कहना है कि यदि बेहड़ पार्टी फोरम में विचार रखेंगे तो अध्यक्ष इसका संज्ञान लेंगे.

दरअसल, किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ ने अपने बयान में कहा था कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष का पद कुमाऊं को दे दिया गया. जबकि, होना यह चाहिए था कि एक पद गढ़वाल को तो एक-एक पद कुमाऊं और तराई को देना चाहिए था. उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी ने ऐसा निर्णय क्यों लिया? यह समझ से परे है. साथ ही कहा कि गढ़वाल की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए थी, क्योंकि गढ़वाल में विधानसभा सीटें बहुत ज्यादा है, इसलिए हमारे लिए जितना महत्वपूर्ण कुमाऊं है, उतना ही महत्वपूर्ण गढ़वाल भी है.

उनके इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी असहज हो गई है. हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना है कि तिलक राज बेहड़ पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनके जो भी विचार सामने आए हैं, निश्चित तौर पर यदि बेहड़ पार्टी फोरम में अपने सुझाव रखेंगे तो जरूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा इसका संज्ञान लेंगे. उन्होंने कहा कि करीब एक साल पहले कांग्रेस आलाकमान से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का चयन हो गया था, लेकिन वो इस बात से सहमत नहीं है कि तिलक राज बेहड़ को इसकी जानकारी देर से मिली.
ये भी पढ़ेंःकांग्रेस नेताओं में फिर से छिड़ी जुबानी जंग, रुद्रपुर शहर अध्यक्ष ने विधायक बेहड़ को दी नसीहत

शीशपाल बिष्ट ने कहा कि पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता और नेता को कोई आपत्ति नहीं है. क्योंकि करन महारा के नेतृत्व में पार्टी संगठन पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है. जबकि, यशपाल आर्य विधायिका के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. बिष्ट ने कहा कि सदन के भीतर हो या सदन के बाहर, जहां भी बीजेपी सरकार की जनविरोधी नीतियां दिखाई दे रही हैं. इस एक साल में दोनों जगहों पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार को घेरने करने का काम किया है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि यदि किसी भी वरिष्ठ नेता के विचार दल हित में होंगे तो निश्चित तौर पर जब भी समय आएगा, तब उस पर विचार जरूर किया जाएगा.

तिलक राज की बात वाजिबः तिलक राज बेहड़ लंबे समय बाद राजनीति में सक्रिय हुए हैं. बेहड़ की तबीयत दरअसल खराब चल रही थी. उन्हें किडनी की दिक्कत थी. अब जैसे ही वे स्वस्थ होकर मैदान में आए तो उन्होंने यह बयान देकर हलचल मचा दी. उनका कहना था कि कुछ पद गढ़वाल तो कुछ कुमाऊं को दिए जाते तो अच्छा होता, लेकिन कुमाऊं से ही प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता सदन भी बना दिए गए. ऐसे में आने वाले समय में लोकसभा चुनाव में पार्टी किस मुंह से गढ़वाल में लोगों के बीच जाएगी.

प्रीतम सिंह बोले, पार्टी विचार करें तो मिलेगा फायदाः तिलक राज बेहड़ का समर्थन अगर सबसे पहले किसी ने किया तो वो थे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह. प्रीतम सिंह गढ़वाल के जाने माने नेता हैं और चकराता विधानसभा सीट से लगातार जीतते आ रहे हैं. पहले से ही उनकी कई बार नाराजगी अलग-अलग मामलों को लेकर सामने आती रही है. अब तिलक राज बेहड़ के मामले में उन्होंने भी उनका कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि जब इंदिरा हृदयेश का निधन हुआ था, उस वक्त ब्राह्मण-ठाकुर, गढ़वाल-कुमाऊं की बहुत बात हुई थी.

उस वक्त ये कहा गया था कि इस बात का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ. अब उनके विधायक और वरिष्ठ नेता अगर इस बात को समझ एवं उठा रहे हैं तो पार्टी के बड़े नेताओं को भी इस बात को समझना होगा. क्योंकि, आने वाला साल चुनावी है. ऐसे में कांग्रेस को अगर जीत हासिल करनी है तो आलाकमान को इस बारे में गंभीरता से विचार करना होगा और तमाम विधायकों से रायशुमारी कर इस पर कोई निर्णय लेना होगा. ताकि कांग्रेस उत्तराखंड में और मजबूत हो सके.

प्रीतम सिंह उन नेताओं में से एक हैं, जो मुखर होकर न केवल अपने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का विरोध कर रहे हैं. बल्कि अपने बयानों से हरीश रावत पर भी वे कई बार कटाक्ष कर चुके हैं. हालांकि, मौजूदा समय में वो अपने प्रदेश प्रभारी के ऊपर निशाना साधते नजर आते हैं. प्रदेश प्रभारी पर बयान देते हुए प्रीतम सिंह ये तक कह चुके हैं कि जिन को राजनीति का क, ख, ग तक नहीं आता और जो प्रदेश में कभी आकर देखते नहीं है, उन्हें प्रदेश कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है.

गढ़वाल में कांग्रेसी विधायकः अगर गढ़वाल और कुमाऊं में कांग्रेस की मजबूती की बात करें तो मौजूदा समय में गढ़वाल में बदरीनाथ विधानसभा से राजेंद्र भंडारी, प्रताप नगर विधानसभा सीट से विक्रम सिंह नेगी, चकराता विधानसभा सीट से प्रीतम सिंह, ज्वालापुर सीट से रवि बहादुर, भगवानपुर से ममता राकेश, झबरेड़ा से वीरेंद्र कुमार, पिरान कलियर से फुरकान अहमद, हरिद्वार ग्रामीण सीट से अनुपमा रावत कांग्रेस की विधायक हैं.

कुमाऊं के कांग्रेसी विधायकः बता दें कि धारचूला सीट से हरीश धामी कांग्रेस से विधायक हैं. पिथौरागढ़ सीट से मयूख महर, लोहाघाट से खुशाल सिंह, हल्द्वानी से सुमित हृदयेश, बाजपुर से यशपाल आर्य, नानकमत्ता से गोपाल सिंह राणा और खटीमा से भुवन चंद कापड़ी कांग्रेस से विधायक हैं.

कांग्रेस के नेता खुद कर रहे बीजेपी का कामः उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेसी अपने संगठन में ही उलझ कर रह गए हैं. हरीश रावत की सरकार जाने के बाद साल 2017 में विधानसभा चुनाव हो या फिर साल 2022 में कांग्रेस का उत्तराखंड में कोई अच्छा जनाधार नहीं रहा है. ऐसे में बीजेपी इस बात से ही खुश है कि कम से कम बीजेपी को कांग्रेस के लिए ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ रहा है. क्योंकि, कांग्रेस के नेता खुद अपने दल में ही एक दूसरे की खिंचाई करने में लगे हुए हैं.

Last Updated : Apr 5, 2023, 7:45 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details