देहरादून: उत्तराखंड सरकार अब केदारनाथ धाम को यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देहरादून मंडल की ओर से जल्द ही मंदिर के इतिहास सहित पुरातत्व पर एक रिपोर्ट शासन को देगा. उसके बाद शासन की ओर से यह प्रस्ताव भारत सरकार और यूनेस्को को भेजा जाएगा. वहीं, अगर केदारनाथ मंदिर को भी यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया जाता है तो उत्तराखंड में नन्दा देवी अभ्यारण्य फूलों की घाटी के बाद यह दूसरी धरोहर होगी. जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल होने की ख्याति प्राप्त होगी. ऐसे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इसकी रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देहरादून मंडल के प्रभारी व वरिष्ठ पुरातत्वविद् मनोज कुमार सक्सेना ने बताया कि उत्तराखंड सरकार की ओर से केदारनाथ मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जल्द ही केदारनाथ मंदिर का सर्वे कर एक रिपोर्ट तैयार करेगा. इसके साथ ही रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन से मंदिर से जुड़े अभिलेखों की जानकारी भी ली जाएगी.
UNESCO की धरोहर में शामिल होने के मानक: मनोज कुमार सक्सेना ने बताया कि यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल होने के लिए उस स्थान का 100 वर्ष से पुराना इतिहास होना चाहिए. इसके साथ ही उसका प्राकृतिक सहित धार्मिक या ऐतिहासिक महत्व होना चाहिए. इन सभी बिंदुओं पर केदारनाथ खरा उतरता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही केदारनाथ मंदिर का सर्वे कर एक रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी जाएगी. उसके बाद सरकार की ओर से केदारनाथ धाम को यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा.