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कोरोना इफेक्ट: चारधाम यात्रा पर संशय बरकरार, श्रद्धालु करेंगे ऑनलाइन दर्शन

उत्तराखंड में होने वाली चारधाम यात्रा की शुरुआत तय तिथि पर ही होगी, लेकिन श्रद्धालुओं के आगमन पर अभी संशय बना हुआ है. ऐसे में चार धाम यात्रा को लेकर ईटीवी भारत ने गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन से खास बातचीत की. वहीं सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की जा रही है.

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श्रद्धालुओं को कराएं जाएंगे ऑनलाइन दर्शन

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Published : Apr 14, 2020, 1:55 PM IST

Updated : Apr 14, 2020, 4:02 PM IST

देहरादून:ईटीवी भारत से खास बातचीत में गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन ने कहा कि चार धाम यात्रा तय समय पर ही शुरू होगी, लेकिन श्रद्धालुओं को अभी आने की इजाजत नहीं होगी. क्योंकि जब तक केंद्र सरकार से हमें कोई निर्देश नहीं आ जाता. तब तक श्रद्धालुओं को आने की इजाजत नहीं दी जाएगी. रविनाथ रमन ने कहा कि चार धाम यात्रा पर जो श्रद्धालुओं नहीं आ सकेंगे. उसके लिए उत्तराखंड सरकार तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चार धाम का ऑनलाइन दर्शन करवाएगी. इसके साथ ही रावल को भी ऑनलाइन जोड़ने की तैयारी की जा रही है.

द्धालुओं को कराएं जाएंगे ऑनलाइन दर्शन.

वहीं श्रद्धालु सुबह-शाम की आरती के अलावा विशेष पूजा अनुष्ठान का भी ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे. कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण रावल के नहीं पहुंचने को लेकर राज्य सरकार उनके लिए भी ऑनलाइन पूजा करवाने की व्यवस्था करने जा रही है.

उत्तराखंड की लाइफलाइन और विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है. लेकिन लॉकडाउन के चलते चारधाम के कपाट खोलने और व्यवस्थाओं को पूरी करना राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती है.

मंदिरों के कपाट तो मुहूर्त के अनुसार तय तिथियों पर खोल दिए जाएंगे. लेकिन भगवान के दर्शन के लिए भक्त कब उनके धाम पर पहुंचेंगे, अभी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है. 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे. इसके साथ ही 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ और 30 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट पूरे विधि विधान से खोले जाएंगे.

ये भी पढ़े:100 साल बाद फिर आया ऐसा समय, बदरीनाथ धाम में ये नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु

उत्तराखंड के चारधामों में गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट सेमवाल और उनियाल समुदाय के पुजारी खोलते हैं और पूरे विधि विधान से पूजा-पाठ करते हैं. लेकिन केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की परंपरा कुछ अलग है. केदारनाथ धाम के कपाट कर्नाटक के लिंगायत समुदाय के पुजारी खोलते हैं. वहीं, केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी गई है. ऐसे में चार धाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं के आगमन पर फिलहाल संशय की स्थिति बनी हुई है.

Last Updated : Apr 14, 2020, 4:02 PM IST

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