मसूरी: पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूर देश के लोगों में गुस्सा है. जगह-जगह पाकिस्तान के विरोध में नारे लगाए जा रहे है. वहीं कुछ जगहों पर कश्मीरी छात्रों की टिप्पणी से लोगों में खासा आक्रोश है. वहीं देश में ताजा पैदा हुये हालात में देवभूमि उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों से दुर्व्यवहार की बात को सीएम त्रिवेंद्र सिरे से खारिज कर चुके हैं. इन हालात में कश्मीरी व्यापारी पहाड़ों की रानी मसूरी में कैसा महसूस कर रहे है. इस बारे में कश्मीरी व्यापारी से बात की ईटीवी भारत ने.
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बता दें कि मसूरी में बीते काफी समय से 400 के करीब कश्मीरी रहते है, जो यहां अपना व्यापार करने के साथ मजदूरी करते है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद बीजेपी युवा मोर्चा और हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने मसूर में रह रहे कश्मीरी व्यापारी को यहां से तत्काल हटाने की मांग की थी. जिसके बाद पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गया था. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता से अपील करते हुए कहा कि कश्मीरी नागरिकों किसी तरह प्रताड़ित न किया जाए. इसी के साथ उन्होंने पुलिस को कश्मीरियों की सुरक्षा के लिये सख्त दिशा- निर्देश दिए हैं.
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इस मामले में मसूरी कोतवाल भावना कैंथोला ने इलाके में रह रहे कश्मीरी व्यापारी और मजदूरों के साथ बैठक की और उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर पुलिस को सूचना देने को कहा है. मसूरी कोतवाल भावना ने कहा कि मसूरी में किसी कश्मीरी के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा. यदि कोई इस तरह की हरकत करता हुआ यहां फिर यहां का माहौल खराब करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या कहते है मसूरी व्यापारी?
मसूरी में किराए की दुकान लेकर व्यापार कर रहे कश्मीरी व्यापारी मुस्ताक अहमद वसीम खान और हुसैन अली ने कहा कि वो मसूरी में पिछले कई सालों से व्यापार कर रहे हैं. वह सभी के साथ प्रेम भाव से रहते हैं और उनको मसूरी में व्यापार करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है. मसूरी में वह सुरक्षित है. उन्हें किसी ने भी अभीतक मसूरी छोड़कर जाने के लिए कहा है और न ही किसी प्रकार की धमकी दी गई है. मसूरी पुलिस और प्रशासन द्वारा समय-समय पर उनका हालचाल लिया जा रहा है. ऐसे में वह मसूरी में सुरक्षित और आराम से है. उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता है और उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.