करन माहरा ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना देहरादून:कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पार्टी मुख्यालय देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को कई मुद्दों पर जमकर घेरा. उन्होंने कहा कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से घबरा कर केंद्र सरकार जबरन कोरोना की नई एसओपी जारी करने जा रही है. चीन का कुछ वीडियो दिखा करके जबरन कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा और कार्यक्रमों को प्रभावित किया जा रहा है.
करन माहरा ने कहा सरकार इतनी गंभीर होती तो, चाइना से व्यापार बंद कर देती. यदि सरकार इतनी गंभीरता दिखा रही है तो चाइना से आवागमन रोक देती, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. बल्कि चाइना से सामान आयात रहा है और कंटेनर आ रहे हैं. केंद्र सरकार राहुल गांधी से डर गई है और एक प्लानिंग के तहत भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की साजिश है.
वहीं, उन्होंने धामी सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जमकर घेरा. उन्होंने कहा राज्य में लगातार पुल क्षतिग्रस्त होने की घटना भ्रष्टाचार की एक निशानी है. लगातार करप्शन के चलते एकाएक पुल गिर रहे हैं. उन्होंने बड़ासी पुल की एप्रोच रोड टूटने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा वह इस पुल को देखने गए थे, लेकिन मौके पर जब उन्होंने संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा.
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माहरा ने कहा जीरो टॉलरेंस का नारा देने वाली सरकार के कार्यकाल में पुलों के कामों में गुणवत्ता ठीक नहीं है. इसलिए पुल टूट रहे हैं. उन्होंने पीडब्ल्यूडी के सचिव की भी जांच किए जाने की मांग की और पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज का भी इस्तीफा मांगा. वही अंकिता भंडारी हत्याकांड में हाईकोर्ट के आदेश पर माहरा ने कहा इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई जांच की याचिका खारिज होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने कहा अंकिता का परिवार सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट जाता है तो, कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है. उन्होंने हत्याकांड के आरोपियों के नार्को टेस्ट पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि नार्को टेस्ट की बात लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए की जा रही है. सरकार आरोपियों को बचाने में लगी हुई है.
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वहीं, उन्होंने शराब की दुकानों से मिलने वाले अधिभार का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कोरोना काल में एक या दो घंटे दुकान खोलने के बावजूद शराब की दुकानों से पूरा अधिभार वसूला जा रहा है. नियम यह बनाया गया है कि जितने घंटे कोई दुकान खुलेगी, उतने ही घंटे का अधिभार लिया जाएगा, लेकिन उत्तराखंड में इसका पालन नहीं किया जा रहा है. इसका पालन इसलिए नहीं किया जा रहा है, क्योंकि इलीगल डिमांड्स हो रही हैं.
उन्होंने कहा उत्तराखंड इसका अपवाद है, जो भी व्यापारी व्यापार कर रहा है. वह सरकार को अधिभारर देता है. ऐसे में उसके अधिकारों की रक्षा करना भी हमारा दायित्व है. जब पूरे देश में एक नियम लागू है तो फिर उत्तराखंड में अभी तक उसमें कार्रवाई क्यों नहीं हुई ? वहीं, उन्होंने कहा कोरोना काल में सरकार ने जिन वाहनों को अधिग्रहीत किया था, उनकी पेमेंट अभी तक नहीं हुई है. केवल फूल पहनाकर पैरामेडिकल कर्मियों को कोरोना वीर बनाकर उनके साथ सरकार ने अन्याय किया है.