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Published : May 4, 2022, 9:04 PM IST

Updated : May 17, 2022, 1:15 PM IST

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चंपावत उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने कसी कमर, करन माहरा बोले- चेहरे को लेकर मंथन जारी

चंपावत उपचुनाव को लेकर कांग्रेस का कहना है कि खटीमा में 5 साल विधायक और मुख्यमंत्री बनने के बावजूद पुष्कर धामी को हार मिली थी. इसका असर चंपावत में भी होगा. जबकि, कांग्रेस अभी तक प्रत्याशी का नाम तक घोषित नहीं कर पाई है. वहीं, करन माहरा की मानें तो कई दावेदार मेल के जरिए भी अपनी दावेदारी जता रहे हैं.

Karan Mahara
करन माहरा

देहरादूनःचंपावत उपचुनाव (Champawat by election) को लेकर तारीख का ऐलान हो चुका है. साथ ही नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है, लेकिन अभी तक कांग्रेस इस सीट पर प्रत्याशी का नाम तय नहीं कर पाई है. कांग्रेस की स्थिति फिलहाल असमंजस जैसी है. क्योंकि, इस सीट पर बीजेपी से खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मैदान में होंगे. ऐसे में चंपावत उपचुनाव किसके चेहरे पर जीता जा सकता है, इसको लेकर पार्टी नाम तय नहीं कर पा रही है.

आज केदारनाथ रवाना होने से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (Congress state president Karan Mahara) ने चंपावत उपचुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि चुनाव के लिए कुछ नाम प्रमुखता से सामने आए हैं. साथ ही कई दावेदार मेल के जरिए भी अपनी दावेदारी जता रहे हैं. ऐसे में शीर्ष नेतृत्व और पार्टी के बड़े नेताओं के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही प्रत्याशी को लेकर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य चंपावत जाने वाले हैं.

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कांग्रेस का प्रशासन और बीजेपी से मुकाबलाःइसके अलावा हरीश रावत और प्रीतम सिंह भी चंपावत प्रस्थान करेंगे. यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई की टीम, महिला कांग्रेस और सेवा दल भी चंपावत चुनाव को लेकर वहां जुटेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को प्रशासन और बीजेपी से मुकाबला करना होगा. क्योंकि, प्रशासन जरूर बीजेपी का साथ देगा. यह चुनाव भले ही कांग्रेस के लिए चुनौती है, लेकिन चुनाव हमारे लिए कठिन नहीं होगा और कहीं न कहीं बीजेपी की इस बार रणनीति कमजोर दिखाई दे रही है.

चंपावत उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने कसी कमर.

चंपावत विधानसभा सीट का समीकरणःचंपावत विधानसभा सीट (Champawat assembly seat) में साल 2002 के बाद से अब तक हुए 5 चुनाव में से तीन बार बीजेपी के नाम ही रही है. राज्य में पहले विधानसभा चुनाव के दौरान जहां कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल (Congress Leader Hemesh Kharkwal) ने चुनाव जीतकर चंपावत सीट बीजेपी से छीन ली तो वहीं 2007 में बीजेपी की बीना महाराणा ने इस सीट पर भगवा लहराया.

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इसके बाद साल 2012 में हेमेश खर्कवाल ने एक बार फिर कांग्रेस को इस सीट पर विजयी बनाया, लेकिन इसके बाद हुए दो विधानसभा चुनाव में मोदी लहर ने इस सीट को बीजेपी के ही खाते में बनाए रखा. चंपावत विधानसभा सीट पर साल 2017 और 2022 के चुनाव में कैलाश गहतोड़ी ने जीत हासिल की है. इस तरह देखा जाए तो यह विधानसभा दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों ने जीती है. हालांकि, इस सीट पर बीजेपी तीन बार चुनाव जीतकर बढ़त बनाए हुए हैं.

इस बार खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत से उपचुनाव लड़ने (Pushkar Dhami contest election from Champawat) जा रहे हैं. लिहाजा, बीजेपी के लिए सीट एक बार फिर मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है. उधर, कांग्रेस इस सीट पर चुनाव को लेकर असमंजस में है. ऐसा इसलिए क्योंकि हेमेश खर्कवाल इस सीट को दो बार जीत चुके हैं. इसके बावजूद भी पार्टी प्रत्याशी को लेकर अभी विचार ही कर रही है.

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हालांकि, पार्टी के नेता यह साफ कर चुके हैं कि उनकी पहली प्राथमिकता हेमेश खर्कवाल ही है और इसके अलावा बाकी नामों पर भी विचार किया जा रहा है. प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा कहते हैं कि पार्टी इस सीट पर पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी और इसके लिए पार्टी नामों पर विचार कर रही है. जल्द ही यह नाम फाइनल कर दिए जाएंगे.
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Last Updated : May 17, 2022, 1:15 PM IST

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