देहरादूनःउत्तराखंड राज्य में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही कांग्रेस की अंदरूनी कलह दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. कांग्रेस के भीतर लगातार हो रहे सिर-फूटव्वल की स्थिति खुद-ब-खुद इस बात को बयां कर रही है. दरअसल, एआईसीसी की सूची जारी होने के बाद से ही कांग्रेस के भीतर घमासान मच गया है. जहां एक ओर इस लिस्ट को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर सवाल खड़े कर दिए हैं तो अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा पूर्व नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं. इसी बीच भाजपा ने कांग्रेस की अंतर्कलह पर खूब चुटकी ली है.
दरअसल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सूची में इस बार प्रदेश के कई बड़े नेताओं के नाम को शामिल नहीं किया गया है. यही वजह है कि उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी से जुड़े कई बड़े नेता संगठन से नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले को लेकर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है, जिसके बाद से एक बार फिर उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के भीतर की अंतर्कलह अब खुलकर सामने आ गई है, साथ ही कांग्रेसी नेता एक दूसरे पर हमलावर नजर आ रहे हैं.
सूची के लिए नहीं ली गई नेताओं की रायः एआईसीसी की 43 सदस्यों वाली सूची को लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि इस सूची में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी हुई है, चाहे वो विधायक हों या फिर अन्य वरिष्ठ नेता. पूर्व नेता प्रतिपक्ष के इस बयान के बाद कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है. साथ ही प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश प्रभारी ने जो सूची हाईकमान को दी उसके लिए न तो विधायकों की राय ली गई और न ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सहमति लेना जरूरी समझा गया. प्रीतम सिंह ने खुलकर कहा कि प्रदेश प्रभारी ने अपनी डफली-अपना राग अलापने का काम किया है.
राष्ट्रीय नेतृत्व से नाराज नेता, करेंगे जांच की मांगः पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने ये भी कहा कि इस सूची में तिलक राज बेहड़, मयूख महर, मदन बिष्ट, गोपाल राणा, सुरेंद्र सिंह नेगी, दिनेश अग्रवाल, गोविंद सिंह कुंजवाल, जीत राम, विजय पाल सजवाण, खुशाल सिंह अधिकारी और राजकुमार समेत तमाम नेताओं को जगह नहीं दी गई है. इसको लेकर प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी से जवाब मांगा है. उनका कहना है कि वो राष्ट्रीय नेतृत्व के पास जाएंगे और इस पूरे मामले की जांच कराने के साथ ही इस कृत्य के लिए कार्रवाई की मांग करेंगे.
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प्रदेश प्रभारी के कारण कांग्रेस हो रही है कमजोरः प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश प्रभारी अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं बल्कि वो खुद पार्टी बने हुए हैं और एक पक्षीय निर्णय लेने का काम कर रहे हैं. प्रीतम सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या प्रभारी का ये काम है कि जिस राज्य को वो देख रहे हैं वहां कांग्रेस को कमजोर करें? बल्कि उनका काम तो था कि वो राज्य में समन्वय बनाए और पार्टी को मजबूत करने का काम करें. सिंह ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने जो स्थिति पैदा की है, उससे प्रदेश कांग्रेस कमेटी मजबूत नहीं हो रही बल्कि दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है.