काशीपुर:यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का आज सातवां दिन है. वहीं, यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे भारतीय छात्रों को सकुशल निकालने के लिए भारत सरकार का लगातार प्रयास जारी है. इसी क्रम में यूक्रेन में फंसी काशीपुर निवासी कादंबिनी मिश्रा देर रात काशीपुर पहुंची. कादंबिनी मिश्रा को देख परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है. बता दें कि, कादंबिनी मिश्रा यूक्रेन के इवान फ्रैंक ईव्स शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं और वह पांचवें वर्ष की छात्रा हैं. काशीपुर पहुंचने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत की.
बता दें कि, यूक्रेन में काशीपुर के 8 छात्र-छात्राओं समेत कुल 9 लोग फंसे हुए थे. कादंबिनी मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि वह इवान फ्रैंक ईव्स शहर में वहां की इवान फ्रैंक ईव्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं. उन्होंने कहा कि उनके शहर में हालात फिलहाल सामान्य थे लेकिन उनकी इवान फ्रैंक ईव्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुछ टीचर्स के द्वारा युद्ध के हालात होने के बावजूद भी पढ़ाई पर ही जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के हालात बहुत खराब हैं, लेकिन उनके शहर में इतना कुछ नहीं हो रहा है. बॉर्डर पर काफी भीड़ है. उन्होंने कहा कि जो लोग बॉर्डर पार कर रहे है उन्हें दूसरे देश की जनता व प्रशासन के द्वारा काफी मदद की जा रही है.
यूक्रेन से लौटी कादंबिनी ने सुनाया खौफनाक मंजर:कादंबिनी ने कहा कि उनकी यूनिवर्सिटी की ओर से 20 बसों की व्यवस्था की गई थी और वह बीते शनिवार को निकलने वाले थे, लेकिन वह और अन्य छात्रों ने सोचा कि 20 बसों में काफी भीड़ हो जाएगी. इसीलिए उन्होंने अपने खर्चे पर 2 बसों की व्यवस्था कर शुक्रवार की शाम को निकलना सही समझा. 4 से 5 घंटे का सफर तय करने के बाद वह सीमा पर पहुंचे. जहां पर पहले से ही काफी संख्या में बॉर्डर पार करने के लिए भीड़ जमा थी. सीमा पर 2 से 4 किलोमीटर तक बसों की लंबी लाइन लगी हुई थी. लिहाजा उसने और उनके साथियों ने -2 डिग्री तापमान के बावजूद 4 से 5 किलोमीटर का लंबा सफर पैदल ही तय कर बॉर्डर पार किया. उन्होंने कहा कि उनके शहर में केवल एयरपोर्ट पर ही मिसाइल अटैक हुआ था. जिससे कि एयर ट्रैफिक को रोका जा सके. उन्होंने बॉर्डर पर फंसे छात्र-छात्राओं से धैर्य बरतने की अपील करते हुए कहा कि अगर वह थोड़ा सा संयम और धैर्य बरतेंगे तो सभी छात्र-छात्राएं सकुशल अपने घर पहुंच जाएंगे.