देहरादून:जोशीमठ में लगातार हो रहे भूस्खलन (joshimath landslide ) के बाद शासन प्रशासन लगातार जोशीमठ के स्थानीय लोगों को दूसरी जगह पर विस्थापन करने में लगा है. चमोली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Chamoli Disaster Management Authority) ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव के दृष्टिगत आपदा प्रबंधन संबंधी बुलेटिन जारी किया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र में कुल 678 भवनों में दरारें (cracks in 678 houses of joshimath) आई हैं. सुरक्षा के दृष्टिगत से अब तक कुल 81 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित (81 families displaced from Joshimath) किया गया है. साथ ही जोशीमठ में मलारी इन और माउंट व्यू होटल गिराये जाने का फैसला किया गया है.
जोशीमठ 678 घरों में आईं दरारें. जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 213 कक्षों को निवास करने योग्य चिन्हित किया गया है. जिनकी क्षमता 1191 आंकी गई है. इसके साथ ही नगरपालिका जोशीमठ क्षेत्र से बाहर पीपलकोटी में 491 कक्षों/हॉल को चिन्हित किया गया है, जिनकी क्षमता 2205 है.
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प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाद्यान किट एवं कंबल वितरित किये जा रहे हैं. 53 प्रभावित परिवारों को 5 हजार रुपए प्रति परिवार की दर से आवश्यक घरेलू सामग्री के लिए दिये जा रहे हैं. कुल 63 खाद्यान्न किट एवं 53 कम्बल उपलब्ध कराये गये हैं. 50 प्रभावित व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है.
रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि जोशीगठ (Joshimath Land Subsidence) में जमीन धंसने से परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. इनमें से 38 परिवार किराए के मकान पर रहे हैं, उन्हें शासन से किराया दिया जा रहा है. साथ ही आवास विकास विभाग को जोशीमठ के मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जोशीमठ के नीचे नदी से हो रहे कटाव को बचाने के लिए कार्य करने को कहा गया है.
उन्होंने आगे कहा कि जोशीमठ की जेपी कॉलोनी में आ रहे सिल्ट की जांच होगी. जांच में पता चलेगा कि पानी टनल का है या जमीन के स्त्रोत का. जोशीमठ में तैनात अधिकारियों के नंबर भी सार्वजनिक किए गए हैं. अधिकारियों को जोशीमठ में तैनात किया जाएगा. कैबिनेट की बैठक में प्रभावित लोगों की राहत राशि बढ़ाने पर पुनर्विचार होगा.