ऋषिकेश: जोगीवाला से सहस्त्रधारा जाने वाली सड़क अब जल्द फोरलेन (Jogiwala Sahastradhara Fourlane Road) बनने वाली है. तमाम अड़चनों को दूर कर पीडब्ल्यूडी ने सड़क चौड़ीकरण का कार्य तेज कर दिया है. इसमें तकरीबन दो हजार पेड़ों के पातन और शिफ्टिंग की प्रक्रिया ने भी हाईकोर्ट से पक्ष में फैसला आने के बाद रफ्तार पकड़ ली है. अधिकारियों को दावा है कि जल्द ही निर्माण को पूरा कर लिया जाएगा.
दरअसल, जोगीवाला-सहस्त्रधारा के बीच सड़क पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ने के चलते पीडब्ल्यूडी की ऋषिकेश डिवीजन ने शासन को फोरलेन निर्माण का प्रस्ताव भेजा था, जिस पर साल 2020-2021 में सीआरएफ (केंद्रीय अवसंरचना निधि) के तहत मंजूरी मिली. सड़क के करीब 14 किलोमीटर हिस्से के चौड़ीकरण के लिए 77 करोड़ 53 लाख रुपए भी जारी हुए, लेकिन चौड़ीकरण की जद में आने वाले करीब दो हजार पेड़ों के पातन का मामला हाईकोर्ट में जनहित याचिका के जरिए पहुंच गया. अदालत में विभाग की ओर से मजबूत पैरवी के चलते हक में फैसला आया है.
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लिहाजा, अब पेड़ों के पातन की वजह से संबधित क्षेत्रों में अधर में लटके फोरलेन निर्माण कार्य को फिर से तेजी साथ शुरू कर दिया गया है. अधिकारियों का दावा है कि कुछ महीनों में ही जद में आने वाले पेड़ों के पातन के साथ शिफ्टिंग कर चौड़ीकरण का कार्य पूर कर लिया जाएगा. इससे, जोगीवाला से सहस्त्रधारा व सटे इलाकों को जाने वाले वाहन सवारों को ट्रैफिक का दबाव कम होने से सुगम आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी.
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कितने पेड़ और कहां शिफ्टिंग:जोगीवाला-सहस्त्रधारा के बीच करीब 14 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे कुल 2057 पेड़ों का पातन किया जाना है. जिनमें 1006 पेड़ यूके लिप्टिस के हैं, तो 972 पेड़ अन्य प्रजातियों के हैं. यूके लिप्टिस के पेड़ों को छोड़ कर अन्य प्रजातियों के पेड़ों को तीन चिह्नित स्थानों पर शिफ्ट किया जाना है. इनमें देहरादून का अंतरिक्ष भवन कैंपस, सोसायटी बीमा विहार और पीडब्ल्यूडी की ही भूमि डांडा खुदानवाला धोरण का इलाका शामिल है. जनहित याचिका हाईकोर्ट में दाखिल होने से पहले ही विभाग ने करीब 328 पेड़ों की शिफ्टिंग संबंधित स्थानों पर कर चुका था. जबकि, अब 664 पेड़ों की शिफ्टिंग का कार्य विभाग ने फिर से शुरू कर दिया है.
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क्या बोले अधिशासी अभियंता:पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार के मुताबिक पेड़ों के पातन को लेकर मामला हाईकोर्ट में था, जिसमें 16 सितंबर को मजबूत पैरवी के बाद विभाग के पक्ष में फैसला आया है. निर्णय होने के बाद से सड़क का निर्माण कार्य निर्धारित समय में पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर एक बार फिर से काम शुरू कर दिया गया है. सड़क बनने से वाहन सवारों को सहूलियत होगी. पेड़ों की शिफ्टिंग का काम भी तय मानकों के अनुरूप संबंधित निजी एजेंसी के माध्यम से शुरू कर दिया गया है.