देहरादून:उत्तराखंड समेत देश के तमाम ज्वेलर्स शॉप में आगामी 16 जून से केवल हॉल मार्किंग वाले सोने के आभूषण ही बेचे जा सकेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से देश भर में आगामी 16 जून से गोल्ड ज्वेलरी हॉलमार्क एक्ट लागू किया जा रहा है. लेकिन इस एक्ट के लागू होने से पहले ही राजधानी देहरादून के सर्राफा व्यापारियों ने इसके कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए सरकार से यह गुहार लगाई है कि वो इस एक्ट को फिलहाल लागू न करे.
हॉलमार्क एक्ट के मुख्य बिंदु
- इस एक्ट के लागू होने के बाद ज्वेलर्स बिना हॉल मार्किंग वाले सोने के आभूषण नहीं बेच सकेंगे
- बाजार में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण ही बेचे जाएंगे
- प्रत्येक सोने के आभूषण में होगा हॉलमार्क यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (HUID)
- आभूषण में सोने की शुद्धता पर किसी भी तरह की कमी आने पर रिटेलर जिम्मेदार माने जाएंगे. इसके तहत जुर्माने के साथ ही जेल का भी प्रावधान है
क्या कहते हैं ज्वेलर्स ?
ईटीवी भारत से बात करते हुए ज्वेलर्स एसोसिएशन ऑफ उत्तरांचल के अध्यक्ष विपिन बैरी ने बताया कि प्रदेश के सर्राफा व्यापारी इस एक्ट के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस एक्ट में मौजूद कुछ प्रावधानों में संशोधन की जरूरत है. जैसे इस एक्ट के तहत बाजार में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण ही बेचे जा सकेंगे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर जो पुराना स्टॉक ज्वेलर्स की दुकानों में पड़ा है उसका क्या होगा ?
अशुद्धता पर ज्वेलर्स को जिम्मेदार ठहराने का विरोध
वहीं इस एक्ट के तहत एक और प्रावधान है, जिसमें यदि सोने के बने आभूषण में किसी तरह की अशुद्धता पाई जाती है, तो इसके लिए रिटेलर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. सरकार को एक्ट में मौजूद इस प्रावधान में भी बदलाव करना चाहिए. यदि सोने के आभूषण में कोई अशुद्धता मिलती है तो इसके लिए रिटेलर को जिम्मेदार न मानते हुए मैन्युफैक्चर को जिम्मेदार मानना चाहिए. क्योंकि देश भर के तमाम रिटेलर मैन्युफैक्चर से ही हॉल मार्किंग वाले आभूषण खरीद कर अपनी दुकानों में बेचते हैं.