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DGP के घर तैनाती के नाम पर डेढ़ साल ड्यूटी से गायब रहा जवान, सामने आया बड़ा 'झूठ', जांच के आदेश

उधम सिंह नगर में उच्चाधिकारी के घर तैनाती के नाम से डेढ़ साल ड्यूटी से गायब जवान का पर्दाफाश हुआ है, लेकिन जवान ने कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. मामला तूल पकड़ने पर पूरे प्रकरण में पुलिस मुख्यालय ने जांच तलब की है.

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पुलिस मुख्यालय

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Published : May 28, 2022, 7:59 PM IST

Updated : May 28, 2022, 8:22 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड पुलिस महकमे में तैनात कर्मचारियों से जुड़े कई मामले सामने आते रहते हैं. ताजा प्रकरण उधम सिंह नगर से सामने आया है. यहां एक पुलिस जवान ने पुलिस लाइन के RI और स्टोर मुंशी पर मारपीट के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस पुलिस जवान का नाम दीपक उप्रेती है, जो चतुर्थ श्रेणी (कुक पद) में कार्यरत है. वहीं, जवान के आरोपों के बीच एक दूसरी ही कहानी निकलकर सामने आई है.

दरअसल, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दीपक उप्रेती पिछले डेढ़ साल से विभाग की ड्यूटी पर तैनात ही नहीं है. उधम सिंह नगर पुलिस लाइन प्रतिसार इंस्पेक्टर (RI) ने 18 अप्रैल को चेकिंग के दौरान पाया कि दीपक उप्रेती ड्यूटी पर नहीं है. पूछताछ में उनको पता चला कि वो डीजीपी की पत्नी अलकनंदा के पंतनगर स्थित सरकारी बंगले पर बावर्ची का काम करता है. वहां पता किया गया तो ये बात गलत निकली. पता चला कि वो राज्य के बाहर है और इस दौरान वो बहाने बनाकर पुलिस लाइन में अधिकारियों को गुमराह करता रहा.

डीजीपी अशोक कुमार का बयान.

उधम सिंह नगर एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि, ड्यूटी से नदारद रहने वाले चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत दीपक उप्रेती के क्रियाकलापों का जब पर्दाफाश हुआ तो बीती 22 मई को उसने उधम सिंह नगर पुलिस लाइन प्रतिसार इंस्पेक्टर (RI) के ऊपर गंभीर मारपीट जैसे आरोप लगाते हुए एसएसपी को शिकायत पत्र दिया.

इस प्रकरण में हैरानी वाली बात ये है कि पिछले डेढ़ साल से ड्यूटी से गायब रहने के बाद भी दीपक उप्रेती बराबर अपनी सैलरी लेता रहा लेकिन उसकी तैनाती के बारे में किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई. पुलिस मुख्यालय ने इस पूरे प्रकरण की जांच रुद्रपुर सीओ सिटी अभय सिंह को जांच सौंपी है.

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दीपक का आरोप: मूल रूप से अल्मोड़ा जनपद के ग्राम चिल (पितोड़ी) के रहने वाले दीपक उप्रेती (पुत्र शेखर चंद्र) ने अपने शिकायत पत्र में बताया कि, वो 2018-19 उधम सिंह नगर रुद्रपुर के पुलिस लाइन में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी (कुक) पद पर कार्यरत है. निरीक्षक के आदेश पर वो किसी भी थाने और कभी किसी कोतवाली सहित उच्च अधिकारियों के घर पर खाने बनाने में अपनी सेवाएं देता रहा है. इसी बीच बीते 20 अप्रैल 2022 को प्रतिसार निरीक्षक वेद प्रकाश भट्ट ने उसे डीजीपी की पत्नी अलकनंदा के सरकारी आवास पर कार्य करने को कहा.

दीपक उप्रेती ने शिकायती पत्र में बताया कि, इंस्पेक्टर के इस निर्देश पर उसने पत्नी का स्वास्थ्य खराब होने के कारण कुछ दिन घर जाने की इजाजत मांगी, ताकि पत्नी को डॉक्टर के पास दिखा सके. लौट आने पर उसने DGP की पत्नी के निवास पर ड्यूटी करने की बात कही. दीपक उप्रेती का आरोप है कि बस इसी बात से नाराज होकर लाइन इंस्पेक्टर ने उसे गंदी गालियां दीं और उसे कुछ अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर DGP के बंगले तक पहुंचाया.

शिकायतकर्ता दीपक उप्रेती के मुताबिक, पुलिस कर्मियों की इस हरकत से नाराज होकर उसने एसएसपी से शिकायत करने की जैसे ही बात कही उससे आक्रोशित होकर पुलिस कर्मियों ने एक कमरे में बंद कर उसे लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा. इतना ही नहीं, पुलिसकर्मियों ने इस बात की भी धमकी दी कि अगर उच्च अधिकारी से शिकायत की तो उसकी नौकरी खतरे में आ जाएगी.

दीपक उप्रेती का आरोप है कि इस मामले के बाद पुलिस लाइन इंस्पेक्टर वेद प्रकाश ने बीते अप्रैल महीने से उसका वेतन रोक दिया है. दीपक की मांग है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उसकी तैनाती कहीं और की जाए.

साल भर ड्यूटी से गायब: वहीं, इस पूरे प्रकरण में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि शिकायतकर्ता कुक दीपक उप्रेती ने जो भी आरोप लगाए हैं उनकी जांच के निर्देश दिये गए हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि, वो पिछले एक साल से ड्यूटी से गायब है. जिस तरह से दीपक ने उनकी पत्नी के पंतनगर निवास पर ड्यूटी करने की बात कही है वो पूरी तरह से गलत है.

जवान का आरोप पत्र.

डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि वो कभी भी सरकारी आवास या उनकी पत्नी के निवास पर ड्यूटी पर कार्यरत नहीं रहा. ऐसे में ये पूरी तरह से साफ हो चुका है कि एक साल से पुलिस विभाग को गुमराह कर बिना ड्यूटी के वेतन लेता रहा. डीजीपी का कहना है कि, इस पूरे प्रकरण की जांच रुद्रपुर अभय सिंह को दी गई है ताकि आगे की कड़ी विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.

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वहीं, पूरे पुलिस महकमे को गुमराह कर डेढ़ साल तक ड्यूटी से गायब रहने वाले दीपक उप्रेती के मामले में डीजीपी अशोक कुमार का साफ कहना है कि, जो भी खबरें बिना पुलिस मुख्यालय की प्रतिक्रिया और जानकारी के अभाव में चलाए जा रहे हैं उनके खिलाफ मानहानि का दावा किया जा सकता है.

लापरवाह अफसर भी नपेंगे:वहीं, साल भर ड्यूटी से गायब रह कर वेतन लेने वाले दीपक उप्रेती की तैनाती को लेकर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है. सवाल उठ रहे हैं कि ड्यूटी से नदारद रहने पर उसकी जानकारी संबंधित पुलिस लाइन के इंस्पेक्टर या अन्य संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को क्यों नहीं थी, इस बात की जांच एक साल तक क्यों नहीं की गई थी?

वहीं, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार (Uttarakhand DGP Ashok Kumar) ने भी माना कि इस मामले में संबंधित पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही भी प्रथम दृष्टया देखी जा रही है. ऐसे में पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही आरोपित लोगों के खिलाफ विभागीय कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.

Last Updated : May 28, 2022, 8:22 PM IST

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