विकासनगर: जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में इस साल 18-19 सितंबर को महासू देवता के मंदिरों में जागड़ा पर्व मनाया जाएगा. इस पर्व के जागरण में हजारों की संख्या में हिमाचल, उत्तराखंड व अन्य पड़ोसी राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.महासू देवता के मंदिरों में इस पर्व के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं.
जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र के लोगों में अपने आराध्य देवता के प्रति अटूट आस्था है. प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाला जागरण का ये पर्व इस साल 18 और 19 सितंबर को मनाया जाएगा. जौनसार बावर के प्रमुख महासू देवता का मंदिर हनोल में स्थित है. यहां 18 सितंबर को रात्रि जागरण में हजारों की संख्या में हिमाचल उत्तराखंड व अन्य राज्यों से लोग पहुंचते हैं. क्षेत्र के अन्य महासू मंदिरों में थैना, लकस्यार, लखवाड, बिसोई, टूंगरा, घणता, गबेला ,भंजरा आदि में भी प्रत्येक वर्ष बड़े ही धूमधाम से जागड़ा पर्व मनाया जाता है.
पढे़ं-जौनसार में शुरू हुआ जागड़ा पर्व, महासू देवता में उमड़ी भक्तों की भीड़
18 सितंबर को राज्य सरकार ने कालसी एवं चकराता ब्लॉक में शासकीय वह और अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक के अवकाश घोषित किया है. कालसी ब्लॉक के थैना मंदिर में भी हजारों श्रद्धालु रात्रि जागरण के लिए पहुंचेंगे. जिसकी तैयारी मंदिर समिति ने पूरी कर ली है. जागरण पर पूरे रात भर क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा देव स्तुति व भजनों की प्रस्तुतियां जाती हैं. जौनसार के दसऊ गांव में छत्रधारी चालदा महाराज देवता अपने लगभग दो वर्ष के प्रवास पर दसऊ मंदिर में विराजमान हैं.
पढे़ं-समाल्टा के चालदा महासू मंदिर में जागड़ा पर्व, आस्था का उमड़ा सैलाब
18 सितंबर को रात्री जागरण में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. चालदा देवता के मंदिर देव दर्शन के लिए हिमाचल प्रदेश से भी काफी श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. जागड़ा पर्व पर सभी मंदिरों में विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है. हनोल मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष रघुवीर सिंह रावत ने बताया देवता के जागड़ा पर्व की सभी तैयारियां चल रही हैं. प्रशासन का भी पूरा सहयोग है .तहसील ,विघुत ,स्वास्थ्य, जलनिगम पुलिस विभाग, द्वारा मंदिर समिति का सहयोग कर रहा है.