उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

DGP अशोक कुमार से मिला जन संघर्ष मोर्चा, पत्थरबाजों और फंडिंग करने वालों पर रासुका लगाने की मांग - पत्थरबाजों पर रासुका की कार्रवाई

देहरादून में बेरोजगार युवाओं के आंदोलन के दौरान पत्थरबाजी हुई थी. अब जन संघर्ष मोर्चा ने पत्थरबाजों और फंडिंग करने वालों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की मांग की है. जिसे लेकर मोर्चा के पदाधिकारियों ने डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात की है.

Jan Sangharsh Morcha met DGP Ashok Kumar
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी

By

Published : Apr 4, 2023, 3:46 PM IST

विकासनगरः जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी अशोक कुमार से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने डीजीपी से देहरादून में बेरोजगारों के आंदोलन को फंडिंग करने वाले और पत्थर बरसाने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने की मांग की. इस बाबत उन्होंने डीजडीपी को ज्ञापन भी सौंपा.

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आरोप लगाया कि करीब दो महीने पहले देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने एक दावा किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि बेरोजगार आंदोलन को कुछ कोचिंग सेंटर और राजनीतिक दलों के नेताओं ने किसी खास मकसद से फंडिंग की है, लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी पुलिस मामले का पर्दाफाश नहीं कर पाई है, जो बड़ा सवाल है.
ये भी पढ़ेंःपत्थरबाजों के नाम और पता निकाल रही पुलिस, यहां के रहने वाले हैं असामाजिक तत्व

रघुनाथ सिंह नेगी का कहना है कि फंडिंग मामले का पर्दाफाश भी होना चाहिए. अगर इसी तरह फंडिंग के जरिए उत्तराखंड में आंदोलन हुए तो प्रदेश को जम्मू कश्मीर बनने में देर नहीं लगेगी. उनका ये भी कहना है कि अगर आंदोलन में किसी तरह की फंडिंग नहीं हुई है तो पुलिस का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि फंडिंग के जरिए आंदोलन के लिए उकसाने वाले लोगों और पत्थरबाजों के आकाओं पर भी रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनके तहत कार्रवाई होनी चाहिए.

वहीं, रघुनाथ सिंह नेगी का कहना है कि पुलिस प्रशासन की नाकामी के चलते बेरोजगारों पर लाठीचार्ज की नौबत आई, जिसकी मोर्चा घोर निंदा करता है. ऐसे में पुलिस-प्रशासन के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जन संघर्ष मोर्चा सभी भर्तियों की CBI जांच की मांग कर चुका है. हैरानी बात ये है कि डीआईजी का कहना है कि असामाजिक तत्वों की ओर से पत्थरबाजी की गई तो फिर बेरोजगारों पर क्यों मुकदमे दर्ज किए गए?
ये भी पढ़ेंःधामी सरकार का बड़ा फैसला, देहरादून पथराव के बाद छात्रों पर दर्ज हुए मुकदमे होंगे वापस

गौर हो कि बीती 9 फरवरी को देहरादून में बेरोजगार युवाओं का धरना प्रदर्शन हुआ था. इसी बीच लाठीचार्ज और पत्थरबाजी भी हुई. जिसके बाद पत्थरबाजी मामले ने तूल पकड़ लिया था. उधर, देहरादून पुलिस ने भी पत्थरबाजी करने वाले कुछ लोगों के फोटो भी जारी किए. खुद देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने पत्थरबाजों के नाम और पता निकालने की बात कही थी. इसी बीच गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान हुई कैबिनेट बैठक में सीएम पुष्कर धामी ने पथराव के बाद छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की घोषणा की थी. सीएम धामी के इस घोषणा का उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने भी स्वागत किया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details