उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

राहगीरों के लिए मुसीबत बनी जजरेड़ पहाड़ी, जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर लोग - trouble for people

कालसी-चकराता मोटर मार्ग जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहा जाता है. इस मार्ग पर स्थित जजरेड़ पहाड़ी लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. हल्की बारिश में ही पहाड़ी से गिर रहे मलबे से मार्ग बाधित हो रहा है. वहीं लोकनिर्माण विभाग के करोड़ों रुपये के बाद भी इसका स्थाई समाधान नहीं निकाला जा सका है.

मार्ग के लिए मुसीबत बनी जजरेड़ पहाड़ी.

By

Published : May 17, 2019, 11:23 AM IST

विकासनगर:जौनसार बावर की लाइफलाइन कहे जाने वाला कालसी चकराता मार्ग, क्षेत्र की 1.5 लाख आबादी को मुख्य धारा से जोड़ता है. इसी मार्ग पर कालसी और साहिया के बीच 10 किलोमीटर दूरी पर जजरेड़ नामक पहाड़ी से लगातार मलबा गिरता रहता है. कई लोग और वाहन पत्थरों की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन लोक निर्माण विभाग द्वारा इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला जा सका है.

200 मीटर के हिस्से में गिरता सबसे ज्यादा मलबा
जौनसार बावर का मुख्य मार्ग कालसी चकराता 42 किलोमीटर लंबा है. इस मार्ग पर रोजाना सैकड़ों गाड़ियों का आवागमन लगा रहता है. साथ ही इस मार्ग से अनेकों संपर्क मार्ग जुड़े हैं. मुख्य मार्ग होने के कारण इस मार्ग में ग्रामीण किसान अपनी फसलों को लेकर विकास नगर और देहरादून की मंडियों तक आते हैं, लेकिन जजरेड़ नामक पहाड़ी के 200 मीटर हिस्से में लगातार मलबा गिरता रहता है. बरसात के दिनों में तो यह पहाड़ी अपना विकराल रूप धारण कर लेती है, जिस कारण से यह मुख्य मार्ग कई दिनों तक बंद हो जाता है. लोक निर्माण विभाग द्वारा मौके पर एक बुलडोजर और एक जेसीबी तैनात की गई है, लेकिन अभी तक मामले में कोई स्थायी हल नहीं निकला.

मार्ग के लिए मुसीबत बनी जजरेड़ पहाड़ी.

ये भी पढ़ें:दिनदहाड़े बैंक से 3 लाख रुपए का कैश ले उड़ा टप्पेबाज, CCTV कैमरे में कैद हुई पूरी वारदात

क्या कहते हैं अधिकारी?
वहीं इस मामले में लोक निर्माण विभाग अस्थाई खंड साहिया के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि जजरेड़ पहाड़ी का ट्रीटमेंट करने के लिए डीपीआर तैयार किया जा चुका है. साथ ही प्रशासनिक स्वीकृति और वन विभाग से भी एनओसी मिल चुका है. शासन की स्वीकृति मिलते ही जजरेड़ पहाड़ी का ट्रीटमेंट कार्य प्रारंभ किया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details