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INTERNATIONAL YOGA DAY 2019: योग के बूते विश्वगुरू बनने की राह पर भारत

ऋषिकेश जयराम आश्रम योग गुरुकुल के 200 से अधिक योगाचार्य विदेशों में योग की शिक्षा दे रहे हैं . बता दें कि इस गुरुकुल में अभी तक हजारों लोग योग की शिक्षा ग्रहण कर चुकें हैं.

योग से बन रही भारत की विशिष्ट पहचान

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Published : Jun 21, 2019, 7:02 AM IST

Updated : Jun 21, 2019, 7:08 AM IST

ऋषिकेश:अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर जहां पूरी दुनिया में धूम मची हुई है, वहां ये जानना भी जरुरी है आखिर कौन लोग योग की इस विधा को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने में अपना अहम योगदान दे रहे हैं. बता दें कि भारत के सैकड़ों नौजवान विदेशों में भी योग की शिक्षा बांट रहे हैं, केवल जयराम आश्रम योग गुरुकुल में ही 200 से अधिक योगाचार्य विदेशों में जाकर योग सिखा रहे हैं.

योग से बन रही भारत की विशिष्ट पहचान.


ऋषिकेश योग के कारण अब पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बना चुका है. ऋषि मुनियों की तपस्वी माने जाने वाले ऋषिकेश को अब योग नगरी के रूप में जाना जाता है. यहां से हर साल हजारों योग साधक योग की शिक्षा ग्रहण करने के बाद एक योगाचार्य बनकर अलग-अलग देशों में जाकर योग की शिक्षा बांट रहे हैं. उनमें से ही एक जयराम आश्रम है. जहां 200 से अधिक छात्र इस समय विदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.


जयराम आश्रम में संस्कृत महाविद्यालय योग विज्ञान केंद्र को उत्तराखंड संस्कृत विश्व विद्यालय से मान्यता प्राप्त है. जयराम संस्कृत महाविद्यालय योग विज्ञान के एचओडी सूर्य प्रकाश रतूड़ी ने बताया कि जयराम आश्रम में 2016 से योग की शिक्षा दी जा रही है और यहां से अभी तक हजारों छात्रों ने योग की डिग्री हासिल की है. उन्होंने कहा कि यहां से योग की डिग्री हासिल करने के बाद युवा भारत ही नहीं बल्कि कई देशों में योग सिखा रहे हैं.

Last Updated : Jun 21, 2019, 7:08 AM IST

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