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उत्तराखंड में गठित किया गया जेल विकास बोर्ड, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैदियों के भविष्य को सुधारने पर होगा चिंतन - Jail Development Board constituted

Uttarakhand Jail Development Board उत्तराखंड में पहली बार जेल विकास बोर्ड का गठन किया गया है. जेल विकास बोर्ड हर छह माह में बैठक कर जेल में बंद कैदियों की बुनियादी जरूरतों को जुटाएगा. साथ ही बोर्ड कैदियों की देखभाल और रिहाई के बाद कानून का पालन करने और बेहतर जीवन जीने में उनकी सहायता करेगा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 5, 2023, 7:03 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड के जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी भरे हुए हैं, जो किसी परेशानी से कम नहीं है. इस बीच उत्तराखंड में पहली बार एक ऐसे बोर्ड का गठन कर दिया गया है, जो कैदियों की खराब स्थिति और रहन-सहन में सुधार की कोशिश करेगा. साथ ही उनके भविष्य को सुधारने के लिए भी इस बोर्ड द्वारा प्रयास किए जाएंगे. दरअसल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के तमाम निर्देशों के बीच उत्तराखंड में अब जेल विकास बोर्ड का गठन कर लिया गया है. जिसका मकसद कैदियों के जीवन को सुविधा संपन्न करने और भविष्य के लिए भी योजनाएं बनाना होगा.

जेल में मानक से कहीं ज्यादा कैदियों को रखे जाने के मामले में उत्तराखंड देशभर में सबसे खराब हालत में है.भारत सरकार के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि इन हालातों को लेकर उत्तराखंड की जेल में बंद कैदियों को काफी परेशानी होती है. हालांकि अब उत्तराखंड शासन ने जेल विकास बोर्ड का गठन कर लिया है, जिसका मकसद जेल में बंद कैदियों के बेहतर परिवेश विकसित करना और उनके भविष्य से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर भी काम करना होगा. जेल विकास बोर्ड में पांच सदस्य रहेंगे, जिसमें जेल मंत्री अध्यक्ष के रूप में काम करेंगे, जोकि इस वक्त खुद मुख्यमंत्री हैं, इसके अलावा मुख्य सचिव उपाध्यक्ष रहेंगे.
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प्रमुख सचिव गृह सदस्य के तौर पर रहेंगे और इसी तरह प्रमुख सचिव वित्त भी इस बोर्ड में सदस्य होंगे. इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका महानिरीक्षक कारागार की होगी जो प्रबंध निदेशक के तौर पर काम करेगा. प्रबंध निदेशक बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होगा, जिसे 10 लख रुपए तक का खर्च करने का वित्तीय अधिकार होगा और सभी खातों का संचालन भी इसी के जरिए किया जाएगा. यही नहीं बोर्ड के प्रति जवाबदेही भी प्रबंध निदेशक की ही होगी.जेल विकास बोर्ड की हर 6 महीने में एक बार बैठक अनिवार्य रखी गई है. इस बोर्ड का कार्य सभी जेलों और जेलों में कैदियों के रहने की स्थिति की जांच करना, बुनियादी जरूरत और मानव जीवन की गरिमा के अनुकूल सुविधाओं के प्रावधान विकसित करना होगा.
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कैदियों की मानवीयता के साथ देखभाल करना उनकी रिहाई के बाद कानून का पालन करने और बेहतर जीवन जीने में उनकी सहायता करना होगा. जेलों के बाहर उचित सुधारात्मक उपाय के जरिए कैदियों के परिवेश में सुधार की कोशिश भी की जाएगी. इतना ही नहीं बंदियों के काउंसलिंग और पुनर्वास कार्यक्रम, व्यावसायिक प्रशिक्षण उद्योग निर्माण गतिविधियों, कृषि, मुर्गी पालन, डेयरी, बागवानी और दूसरे तमाम व्यावसायिक गतिविधियों की भी समीक्षा करना होगा.इस दौरान जेल विकास निधि के रूप में कॉर्पस फंड विश्व सूचित किया जाएगा, जिसमें सरकार की तरफ से अनुदान दिया जाएगा.

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