ऋषिकेश: आस्थापथ में एक निजी भूखंड में सरकारी पुश्ता कब्जाने के मामले में सिंचाई विभाग ने कार्रवाई की है. अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य को रोक दिया. साथ ही अधिकारियों ने नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम भी दिया है. वहीं तय समय पर अवैध निर्माण को नहीं हटाया गया तो ध्वस्तीकरण का अल्टीमेटम दिया है.
सिंचाई विभाग ने रोका अवैध निर्माण, लोगों ने अधिकारियों की कार्यशैली पर उठाए सवाल
ऋषिकेश आस्थापथ पर अतिक्रमणकारियों की टेडी नजर है. पाबंदी के बावजूद गंगा से महज कुछ दूरी पर अवैध निर्माण की शिकायत पर सिंचाई विभाग जागा है. साथ ही अधिकारी लोगों के विरोध करने पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
बीते दिन साईं घाट के नजदीक आस्थापथ की सुरक्षा के लिए बने पुश्ते को कब्जा कर बनाई जा रही दीवार का काम सिंचाई विभाग ने रुकवा दिया. इस दौरान स्थानीय लोगों ने अवैध निर्माण का विरोध किया और खुद ही दीवार को तोड़ने लगे. हालांकि निर्माणकर्ता ने स्थानीय व्यक्ति को खरी-खोटी सुनाते हुए निर्माण जारी रखा.स्थानीय लोगों का कहना है की कुछ रसूखदार लोग एनजीटी की पाबंदी के बावजूद गंगा से महज कुछ दूरी पर अवैध निर्माण कर रहे हैं, जिससे अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं भारी विरोध के बाद नगर निगम के अधिकारी भी तत्काल मौके पर पहुंचे. हालांकि, सिंचाई विभाग के अधिकारियों त्वरित कार्रवाई करते हुए निर्माणकर्ता को नोटिस जारी किया.
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स्थानीय निवासी विशाल खैरवाल ने बताया की कुछ लोग लगातार पिछले कुछ दिनों से गंगा किनारे आस्थापथ के पुश्ते पर अतिक्रमण कर दीवार खड़ी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. सिंचाई विभाग सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल ने बताया कि मौके पर निरीक्षण के दौरान विभागीय पुश्ते पर अतिक्रमण किया जा रहा था. जिसके बाद नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. वहीं तय समय पर पुश्ते पर बनी दीवार को हटाया नहीं गया, तो विभाग निर्माण को ध्वस्त कर खर्च की वसूली भी निर्माणकर्ता से करेगा. बता दें कि, अवैध निर्माण की शिकायत स्थानीय प्रशासन और एमडीडीए से भी की गई है.