देहरादून:उत्तराखंड में ऊर्जा निगमों पर ऐसे कई आरोप हैं, जिसमें जांच के आदेश भी हुए और कुछ मामलों में गड़बड़ियों की पुष्टि भी हुई. लेकिन निगमों में वित्तीय अनियमित्ता और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले सालों तक ठंडे बस्ते में ही रहे, लेकिन अब अचानक इन मामलों को लेकर तेजी दिखाई दी है. खासतौर पर कुंभ के दौरान कथित गड़बड़ियों और पिछले 5 साल के दौरान हुए मामलों की फाइलों में तेजी आई है.
यूं तो ऊर्जा निगम अपनी कार्यप्रणाली को लेकर सवालों के घेरे में ही रहता है, लेकिन इसके बावजूद भी कई आरोप लगने के बाद कार्रवाई के नाम पर सालों तक फाइलें धूल-फांकती रहती हैं. हालांकि अब इन मामलों में तेजी आई है और फाइलें कार्रवाई की तरफ भी बढ़ी है. ताजा मामला साल 2010 में कुंभ के दौरान ऊर्जा विभाग द्वारा कराए गए कामों से जुड़ा है, जिसमें उस दौरान ही गड़बड़ियों के कई आरोप लगे थे. इसके बाद मामले की विभागीय जांच और ऑडिट भी किया गया.
ऑडिट में साफ हो गया कि कुंभ में जो काम करवाया गया. उसमें गड़बड़ियां हुई है. लिहाजा इसके बाद विभाग ने अपने स्तर पर भी इसकी जांच की, लेकिन इसके बावजूद जांच की फाइल कार्रवाई तक नहीं पहुंची. लेकिन अब करीब 11 साल बाद इससे जुड़े मामले की फाइल मुख्य सचिव कार्यालय तक पहुंची है और अब उम्मीद की जा रही है कि इससे संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
इसके अलावा पूर्व एमडी बीसी के मिश्रा और एसएन वर्मा के खिलाफ चल रहे मामलों की जांच की फाइल भी आगे बढ़ी है और इन मामलों पर भी जल्द कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है. हालांकि देरी से कार्रवाई के चलते इन से जुड़े कई अधिकारी ऐसे भी हैं जो अब तक रिटायर हो चुके हैं या जल्द ही रिटायर होने जा रहे हैं. उधर ऊर्जा निगमों में दूसरे शरीर से जुड़े मामलों की भी जांच भी की जा रही है और यहां भी गड़बड़ियों के होने की खबर है.
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