देहरादून:एक तरफ 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का तनाव तो वहीं, दूसरी तरफ पिता के अचानक शहीद हो जाने का सदमा. ये दास्तां है जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए एएसआई शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा की. 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षा में गंगा ने 68.08 फीसदी अंक हासिल किये हैं.
शहीद मोहनलाल की बेटी से बातचीत. दरअसल, 14 फरवरी के दिन जब पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर अचानक आतंकियों ने हमला कर दिया. तब देहरादून स्थित अपने घर पर शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा मार्च माह से शुरू होने जा रही 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां कर रही थी, लेकिन मासूम गंगा को क्या पता था कि 14 फरवरी का दिन उसके पिता के शहीद होने का संदेश लेकर आएगा.
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12वीं की बोर्ड परीक्षा में अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर गंगा ने CBSE बोर्ड परीक्षा में 68.08 % अंक हासिल किये है. गंगा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि पिता के शहीद होने की खबर ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को अंदर तक तोड़ दिया था. लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी. गंगा बताती है कि अचानक पिता का साया ऊपर से उठ जाना उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं था. गंगा का कहना है कि इस हादसे के बाद वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी, उनकी जिंदगी में ये कुछ नहीं हुआ होता तो वह 12वीं की बोर्ड परीक्षा और भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होती.
बता दें कि गंगा के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे और गंगा भी अपने पिता का सपने को पूरा करना चाहती है. गंगा बताती हैं कि उनके पिता शहीद मोहनलाल रतूड़ी की दिले ख्वाहिश थी कि उनकी बेटी डॉक्टर बने. ऐसे में गंगा अब आगे मेडिकल एग्जाम की तैयारी करना चाहती है. हालांकि, गंगा म्यूजिक का भी शौक रखती है लेकिन, उसकी प्राथमिकता में अपने पिता के सपने को पूरा करना है.
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बहरहाल, किसी की भी जिंदगी में अपने माता-पिता को खोने से बड़ा कोई दु:ख नहीं हो सकता. शहीद मोहनलाल रतूड़ी की बेटी गंगा के चेहरे पर भी आज हमें यही दु:ख देखने को मिला. हालांकि, पिता को खोने के सदमे के बीच भी गंगा 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटी रही. लेकिन परीक्षा में 68.08% अंक हासिल करने के बावजूद गंगा के चेहरे पर वो खुशी नजर नहीं आई. आज भी गंगा को आतंकी हमले में अपने पिता को खोने का गम सालता रहता है.