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BKTC अध्यक्ष ने बताया कहां खर्च होते हैं बदरी-केदार को मिलने वाले करोड़ों रुपये - chardham

बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद से खास बातचीत.

BKTC अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल.

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Published : Jun 4, 2019, 11:47 PM IST

देहरादून:प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है. पीएम के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के कार्य को समापन की ओर बढ़ता देख बदरी-केदार मंदिर समिति (BKTC) ने बदरीनाथ धाम परिसर के विस्तारीकरण और अलकनंदा नदी में दो बड़े पुलों का निर्माण प्रस्ताव भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भोजपत्र के माध्यम से रखा. इन्हीं सब मुद्दों पर BKTC समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मंदिर को मिलने वाले करोड़ों रुपये को खर्च कैसे किया जाता है इस बारे में भी बताया.

BKTC अध्यक्ष से खास बातचीत.

मंदिर समिति अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल के मुताबिक भगवान बदरी-केदार के प्रति अटूट आस्था व विश्वास रखने वाले पीएम ने मुस्कुराते हुए प्रस्ताव लिया था. पीएम की मुस्कान को सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में विपरित परिस्थितियों में भी हजारों श्रद्धालु प्रति दिन बदरी-केदार धाम दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते श्रद्धालुओं को सहज तरीके से दर्शन कराने में कई समस्याएं सामने आती हैं.

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उन्होंने कहा कि जब कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट पूरा होगा तब प्रतिदिन धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होना लाजमी है. ऐसे में बदरीनाथ धाम का विस्तारीकरण होना काफी जरूरी है. इसके अलावा अलकनंदा जैसे बड़ी नदी में दो बड़े पुलों के निर्माण से बदरीनाथ धाम की यात्रा को आगामी दिनों में और अधिक भव्य रूप दिया जा सकता है.

बदरी केदार मंदिर समिति

30 से 40 करोड़ मिलता है सालाना चंदा
बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में सालाना अनुमान के मुताबिक 30 से 40 करोड़ रुपये दान व भेंट स्वरूप चढ़ाया जाता है. इसमें सोना, चांदी और नकद शामिल होता है. मंदिर समिति के अनुसार सालाना करोड़ों रुपए की आय से पांच संस्कृत विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. जहां सैकड़ों छात्र छात्राओं को निशुल्क शिक्षा, भोजन, यूनिफॉर्म और रहने की सुविधा मुहैया कराई जाती है. इसके अलावा बदरी- केदार धाम में कई धर्मशालाएं भी चंदे के पैसे से ही संचालित की जा रही हैं. यहां मध्यम व गरीब तबके के श्रद्धालुओं को मुक्त में ठहराने और खाने की व्यवस्थाएं भी मंदिर समिति द्वारा निशुल्क दी जाती है. इसके अलावा गरीब वर्ग के परिवारों के बच्चों को भोजन खाने-पीने की व्यवस्था भी सालाना आय से की जाती है.

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मंदिर की सालाना आय से कई योजनाएं होंगी शुरू: मंदिर समिति अध्यक्ष
बदरी-केदार मंदिर समिति का दावा है कि आने वाले दिनों में दोनों धामों की सालाना आय से मंदिर समिति कई धर्मार्थ योजना पर काम करने वाली है. आगामी दिनों में अस्पतालों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को निशुल्क भोजन देने की सुविधा शुरू की जाएगी. समिति के अध्यक्ष का कहना है कि मंदिर को मिलना वाला सालाना पैसे में से एक रुपये का भी अनुचित इस्तेमाल नहीं होता है. सारा पैसा धर्मार्थ कार्यों में ही लगाया जाता है.

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