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रिमांड पर रामविलास यादव से हुई 4 घंटे से अधिक पूछताछ, विजिलेंस के सवालों का नहीं दिया जवाब! - dehradun crime news

आय से अधिक संपत्ति मामले में में फंसे रिटायर आईएएस रामविलास यादव को रिमांड पर लेते हुए विजिलेंस की टीम ने 4 घंटे से अधिक पूछताछ की. सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का आज भी यादव ने सही से उत्तर नहीं दिया.

IAS ramvilas yadav
आईएएस रामविलास यादव

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Published : Jul 5, 2022, 1:20 PM IST

Updated : Jul 5, 2022, 8:06 PM IST

देहरादून:आय से अधिक संपत्ति मामले में में फंसे रिटायर आईएएस रामविलास यादव को रिमांड पर लेते हुए विजिलेंस की टीम ने 4 घंटे से अधिक पूछताछ की. बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान रामविलास यादव से फिर से वही सवाल पूछे गए, जिनके जवाब से विजिलेंस संतुष्ट नहीं थी. सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का आज भी यादव ने सही से उत्तर नहीं दिया. पूछताछ में यादव तरह-तरह के बहाने बनाकर आय से अधिक संपत्ति जांच दस्तावेजों को लेकर कोई सफाई नहीं दे पाए.

रामविलास यादव से सुबह 11:30 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक पूछताछ हुई और शाम 5 बजे उन्हें सुद्दोवाला जेल वापस भेज दिया गया. अब कल 6 जुलाई को रामविलास यादव को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस यादव को न्यायिक हिरासत में रखना चाहती है और उसकी जमानत का विरोध करने की तैयारी में है.

IAS रामविलास यादव पहले सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण और मंडी परिषद में एडिशनल डायरेक्टर रह चुके हैं. गौर हो कि उत्तराखंड के 22 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी आईएएस को गिरफ्तारी के बाद जेल भेजा गया हो. फिलहाल, रामविलास यादव न्यायिक हिरासत में 14 दिन की जेल काट रहे हैं. 6 जुलाई 2022 को उनकी कोर्ट में पेशी है. इससे पहले ही विजिलेंस रिमांड (Vigilance Remand) पर लेकर यादव से जांच से जुड़े अहम दस्तावेजों पर पूछताछ कर रही है.

यादव ने विजिलेंस के आगे नहीं खोला मुंह: बता दें कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में 522 गुना अधिक संपत्ति को लेकर उत्तराखंड की विजिलेंस रामविलास यादव के खिलाफ जांच कर रही है. 11 जून 2022 को विजिलेंस की टीम ने उत्तराखंड से लेकर यूपी के लखनऊ, गाजीपुर जैसे कई स्थानों में छापेमारी कर रामविलास की कई संपत्तियों का खुलासा किया था. इस पूरे मामले में रामविलास अभी तक पूछताछ और जांच में विदेश का सहयोग नहीं कर रहे थे. यही कारण था कि उन्हें 23 जून 2022 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
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यादव की पत्नी और बेटी से भी होगी पूछताछ:इस मामले में विजिलेंस की तरफ से यादव की पत्नी और बेटी को भी जांच दस्तावेज के सबूतों सहित पूछताछ का नोटिस 27 जून 20022 जारी किया गया था. यादव की पत्नी और बेटी ने विजिलेंस के समक्ष पेश होने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है. दरअसल, विजिलेंस के मुताबिक, आईएएस रामविलास यादव की बेटी के अकाउंट से 15 लाख की नकदी बरामद हुई है. इस नकदी का कोई लेखा-जोखा नहीं है. उसकी भी जांच हो रही है. पत्नी के अकाउंट और संपत्ति का भी कोई सुबूत सामने नहीं आया है. इसको भी विजिलेंस जांच में शामिल किया गया है.

70 लाख की FD का हिसाब-किताब नहीं:रामविलास यादव की 70 लाख की एफडी भी जांच में आई है. इस एफडी का भी कोई लेखा-जोखा प्राप्त नहीं हुआ है. विजिलेंस के मुताबिक रामविलास यादव सरकारी सेवा में हैं. उनकी पत्नी भी नौकरी करती हैं. उनकी आमदनी के हिसाब से संपत्ति 500% से अधिक है. ये संपत्ति जांच के घेरे में है. कई ऐसी संपत्तियां हैं जिनको उन्होंने ट्रस्ट का बताया है. इन संपत्तियों में लखनऊ में प्राइमरी स्कूल के साथ बिल्डिंग को भी उन्होंने दर्शाया है. लेकिन कोई आय स्रोत का लेखा-जोखा सामने नहीं आया है.

बैंक लॉकर, प्रॉपर्टी के कागजात का जवाब नहीं दिया:पिछली विजिलेंस पूछताछ में आरोपी आईएएस अधिकारी रामविलास यादव ने आय से अधिक संपत्ति पर पूछे गये किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दिया. यादव से बैंक लॉकर और देहरादून आवास पर मिले प्रॉपर्टी कागजात के बारे में पूछा गया. इसके बारे में यादव ने कहा गया कि इसका उत्तर उनकी पत्नी ही बता सकती हैं.

असीमित प्रॉपर्टी के बारे में चुप रहे रामविलास यादव:आरोपी यादव ने अपने दिलकुशा विहार रानीकोठी लखनऊ स्थित आवास और गुडंबा में स्थित, संचालित जनता विद्यालय पर किए गए काम के स्रोत व आय व्यय स्रोतों के बारे में कुछ भी कोई जवाब नहीं दिया. नोएडा में क्रय किए गए फ्लैट की रजिस्ट्री में रामविलास यादव और कुसुम यादव का नाम होने के विषय में आरोपी ने बताया कि क्रय करते हुए पुत्री नाबालिग थी, इसलिए उनका नाम भी फ्लैट रजिस्ट्री खरीद में जोड़ा गया.

यादव के ठिकानों पर छापेमारी: गौर हो कि, इस मामले में उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव व एलडीए के पूर्व सचिव रामविलास यादव पर मुकदमा दर्ज होने के बाद उनके लखनऊ के पुरनिया स्थित घर पर विजिलेंस टीम ने छापेमारी की थी. इसके अलावा यूपी के गाजीपुर और गाजियाबाद के अलावा उत्तराखंड के ठिकानों पर भी विजिलेंस ने छापेमारी की थी.
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सपा सरकार के करीबी थे रामविलास: रामविलास लखनऊ विकास प्राधिकरण में लंबे समय तक तैनात रहे थे. उसके बाद एडिशनल डायरेक्टर मंडी परिषद रह चुके हैं. रामविलास सपा सरकार के बेहद करीबी अधिकारी थे, लेकिन यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद साल 2019 में वो यूपी से उत्तराखंड चले आए थे. यादव पर यूपी में लखनऊ विकास प्राधिकरण का सचिव रहते हुए आय से 500 गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.

सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा की शिकायत पर उत्तराखंड शासन ने 9 जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश दिए थे. यूपी की ओर से उत्तराखंड को सौंपे गए तमाम दस्तावेजों के आधार पर यादव के खिलाफ उत्तराखंड में भी विजिलेंस विभाग ने रिपोर्ट दर्ज की थी.

Last Updated : Jul 5, 2022, 8:06 PM IST

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