ऋषिकेशः मुनिकीरेती क्षेत्र में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव शुरू हो गया है. जिसका शुभारंभ कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने किया. इस महोत्सव का उद्देश्य उत्तराखंड के मसालों और सब्जियों को बढ़ावा देना है. साथ ही किसानों को खेती के प्रति प्रोत्साहित करना है. वहीं, मसाला महोत्सव में कई प्रकार के स्थानीय उत्पादों के स्टॉल गए.
दरअसल, मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद इंटर कॉलेज के मैदान में अंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव आयोजित किया गया है. कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा लगातार किसानों को आगे बढ़ाने की है. प्रधानमंत्री मोदी का भी यही सपना है कि कम खर्च में किसानों को दोगुनी आए प्राप्त हो, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस तीन दिवसीय इंटरनेशनल वेजिटेबल फेस्टिवल में यूएस, रसिया, ब्राजील, दुबई, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, सिंगापुर और जापान देश के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
अंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव का आगाज. ये भी पढ़ेंःविदेशों तक फैली पान सिंह के गुड़ की मिठास, क्वालिटी से नहीं करते समझौता
फसल बीमा योजना के तहत आवंटित किए जाएंगे ₹35 करोड़ःमंत्री उनियाल ने बताया कि उत्तराखंड में आपदा की वजह से कई बार किसानों की फसलें तबाह हो जाती है. ऐसे में उनके लिए फसल बीमा योजना सरकार की ओर से चालू है. इस योजना के तहत राज्य के सैकड़ों किसानों को फसल बीमा योजना के 35 करोड़ रुपए भी जल्द ही आवंटित कर दिए जाएंगे. जिससे किसानों को सुरक्षा कवच मिल सके.
उन्होंने बताया कि बीमा योजना का लाभ लेने के लिए फसल का 2% व्यय किसानों को अब तक करना पड़ता था. जिसे घटाकर अब सरकार ने 1% करने का निर्णय ले लिया है. महोत्सव के दौरान किसानों को नई टेक्नोलॉजी के बारे में भी अधिकारी अवगत कराएंगे. जिससे किसान हाईटेक टेक्नोलॉजी से खेती कर अपनी आय को बढ़ाने का प्रयास कर सकें. साथ ही दावा किया कि सरकार की ओर से किसानों के लिए भविष्य में कुछ बेहतर योजनाएं भी लाने का प्रयास किया जा रहा है.
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सामाजिक संस्थाओं की मंत्री ने थपथपाई पीठःअंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में राज्य के कई दूरगामी गांवों से सामाजिक संस्थाएं स्टॉल लगाने के लिए पहुंची. जिनसे कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बातचीत की. उनके स्वरोजगार से जोड़ने की गाथा को भी सुना. कृषि मंत्री ने तमाम सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों के पीठ थपथपाई. उन्होंने कहा कि राज्य हित में जिस प्रकार सामाजिक संस्थाएं स्वरोजगार से जुड़कर लोगों को भी रोजगार देने का काम कर रही हैं. यह बेहद ही प्रशंसनीय है.
अनुभा के अचार ने खींचा ध्यानःउत्तराखंड के लांघा वैली गांव से आचार का प्रोडक्ट लेकर पहुंची अनुभा ने बताया कि उन्होंने कई परिवारों को एक संगठन बनाकर अपने साथ जोड़ा हुआ है. जो कई प्रकार के फलों का अचार बनाकर स्वरोजगार से जुड़े हुए हैं. गांव के किसानों से ही मौसमी फल खरीद कर उनका अचार बनाते हैं. खास बात यह है कि आचार में इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों को भी वो खुद साबूत खरीद कर पीसने का काम करते हैं. जिससे की गुणवत्ता में भी किसी प्रकार की कोई कमी न रहे. उनका कहना है कि सरकार यदि उन्हें प्रोत्साहन दे तो ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं.
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मशरूम उत्पादन में रोजगार के अवसरःदेहरादून से पहुंचे मशरूम उत्पादन करने वाले मोहित शर्मा ने बताया कि एक समय था, जब राज्य में मशरूम का केवल लोग नाम सुनते थे. वर्तमान समय में सामाजिक संस्थाओं की वजह से राज्य में मशरूम का उत्पादन कई गुना बड़ा है. जिसका लाभ सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से उन सैकड़ों ग्रामीणों को मिल रहा है, जो गांवों में रहकर बेरोजगारी की मार झेल रहे थे. उनका कहना है कि कृषि के क्षेत्र में रोजगार के कई साधन उपलब्ध है. यदि सरकार कृषि के क्षेत्र में समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम और योजनाओं का लाभ किसानों को दे तो इससे कई प्रकार के लाभ मिलेंगे.