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मानव और वन्य जीवों में संघर्ष रोकने की कवायद शुरू, WWF और वन विभाग मिलकर करेंगे कार्य

देवभूमि में मानव और वन्य जीवों में संघर्ष रोकने की दिशा में अब WWF और वन विभाग मिलकर कार्य करेंगे. दोनों के बीच हुई बैठक में वन्य जीवों के हमलों की वजह और इन पर प्रभावी रोक के उपायों पर चर्चा हुई.

मानव और वन्य जीवों में संघर्ष रोकने पर चर्चा
मानव और वन्य जीवों में संघर्ष रोकने पर चर्चा

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Published : Jan 31, 2020, 11:17 AM IST

ऋषिकेशः उत्तराखंड में मानव और वन्य जीवों में संघर्ष की आए दिन खबरें आती रहती हैं. हालांकि वन विभाग इस दिशा में समय-समय पर आवश्यक कदम उठाता रहता है ताकि इसे रोका जा सके. इसी क्रम में डब्लूडब्लूएफ और पार्क प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों साथ बैठक की. गोष्ठी में वन्य जीवों के प्रति लोगों को जागरूक करने और जंगलों पर उनकी निर्भरता कम करने व रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर दिया गया.

मानव और वन्य जीवों में संघर्ष रोकने पर चर्चा. .

हरिपुकला क्षेत्र में डब्लूडब्लूएफ और वन महकमे ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ संयुक्त रूप से बैठक आयोजित की. इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने मानव वन्य जीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई. इस संयुक्त बैठक में जनप्रतिनिधियों से वन्य जीवों के हमलों की वजह और इन पर प्रभावी रोक के उपायों को लेकर परामर्श लिया गया.

वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों द्वारा जनप्रतिनिधियों को कई ऐसी तकनीकी जानकारियां दी गयी जिसके माध्यम से वन्य जीवों और मानव के बीच संघर्ष की रोकथाम की जा सकती है. इस दौरान टीम लीडर एके सिंह ने कहा कि बैठक का मुख्य उददेश्य कॉरिडोर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की जाए ताकि समस्याओं का समाधान हम मिलकर कर सकें.

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विक्रम सिंह तोमर सलाहकार वाइल्ड लाइफ (फंड) ने बताया कि चीला मोतीचूर कॉरिडोर में आने वाले आठ से दस गांव में गुलदार के हमले की घटनाएं सामने आई हैं.

इसी विषय को लेकर गांव के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की गयी है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को कई तरह की जानकारी दी जा रही है इसके बाद गांव में बड़े स्तर पर बैठक कर लोगों को तकनीकी जानकारी और जागरूक किया जाएगा.

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