देहरादूनःउत्तराखंड में 'अपात्र को ना, पात्र को हां' अभियान के तहत राशन कार्ड सरेंडर करने की तिथि 30 जून तक बढ़ा दी गई है. विभागीय मंत्री रेखा आर्य के निर्देश पर खाद्य सचिव ने इसके बावत आदेश भी जारी कर दिए हैं. इस आदेश के अनुसार जिस अपात्र व्यक्ति के पास राशन कार्ड है, वो अब 30 जून तक अपने सरेंडर करा सकता है. अगर इसके बाद यानी 1 जुलाई से जो भी अपात्र व्यक्ति राशन कार्ड के साथ पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि प्रदेश में इस अभियान के बाद लगातार अपात्र व्यक्ति अपना राशन कार्ड जमा करवा रहे हैं. जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई न हो. खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य (Cabinet Minister Rekha Arya) के निर्देश पर विभाग की ओर से चलाए जा रहे अभियान के बाद अपात्र राशन कार्ड धारकों में डर देखने को मिला है. प्रदेश में करीब 30 हजार से अधिक लोग अपने राशन कार्ड सरेंडर (Ration Card Surrender)कर चुके हैं.
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जिलेवार अभी तक इतने लोग कर चुके सरेंडरःदेहरादून जिले में तीन हजार, हरिद्वार में 3383, चमोली में 936, उत्तरकाशी में 297, नैनीताल में 2085, चंपावत में 446, पिथौरागढ़ में 1230, उधमसिंह नगर में 3498, अल्मोड़ा में 251, टिहरी में 864, पौड़ी में 2577, रुद्रप्रयाग में 233 और बागेश्वर में 204 लोग अपने राशन कार्ड सरेंडर करवा चुक हैं. अभी और उम्मीद है कि कार्ड सरेंडर करने की तिथि बढ़ने पर इनकी संख्या में भारी इजाफा हो सकता है.
गौर हो कि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही सबसे पहले विभाग से फर्जी राशन कार्ड की जांच को लेकर अभियान चलाने को कहा था. जिसके बाद विभाग लगातार अभियान चला रहा है. पहले चरण में अपात्र लोगों को राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए 31 मई तक का समय दिया गया था. अब दूसरे चरण में राशन कार्ड सरेंडर करने की तिथि 30 जून तक बढ़ा दी गई है. वहीं, शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है.
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वहीं, राशन कार्ड सरेंडर को लेकर प्रदेशभर में कई भ्रांतियां भी देखने को मिल रही है. जिससे उपभोक्ता असंजमस में हैं. प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान यानी एनएफएसए योजना के अंतर्गत 23.80 लाख राशनकार्ड धारक हैं. इन राशनकार्डों में 61.94 लाख यूनिट इस समय सस्ता खाद्यान्न योजना का लाभ उठा रही हैं. इन राशनकार्डों में बड़ी संख्या में ऐसे राशनकार्ड हैं, जो अब मानकों को पूरा नहीं करते हैं.