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IIP में वेस्ट प्लास्टिक से बने डीजल से चला वाहन, ट्रायल रहा सफल

देहरादून के आईआईपी में वेस्ट प्लास्टिक से बने डीजल से बस का ट्रायल किया गया. वेस्ट प्लास्टिक से बने डीजल को 'दिलसाफ' (ड्रॉप इन लिक्विड सस्टेनेबल एविएशन और ऑटोमोटिव फ्यूल) नाम दिया गया है.

plastic waste diesel
प्लास्टिक से डीजल

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Published : Apr 15, 2021, 1:13 PM IST

देहरादूनः इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम में प्लास्टिक वेस्ट से डीजल बनाने के प्रयोग को पंख लग गए हैं. IIP के स्थापना दिवस के मौके पर प्लास्टिक से बने डीजल से चलने वाले वाहन का पहला ट्रायल किया गया. जिसे निदेशक ने हरी झंडी दिखाई.

वेस्ट प्लास्टिक डीजल निर्माण प्लांट.

सीएसआईआर भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून ने अपने हीरक जयंती स्थापना दिवस के मौके पर प्लास्टिक वेस्ट से बने डीजल का ट्रायल किया. इस मौके पर सीएसआईआर महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे ने आईआईपी में स्थापित वेस्ट प्लास्टिक डीजल निर्माण प्लांट से उत्पादित डीजल से चलने वाली पहली स्कूल बस को रोड ट्रायल के लिए हरी झंडी दिखाई. इसके अलावा महानिदेशक ने संस्थान के बायोजेट प्लांट का दौरा किया और ग्रीन डीजल निर्माण प्रक्रम का मुआयना किया.

ग्रीन डीजल से चलने वाली पहली कार.

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सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. मांडे ने खुद इस ग्रीन डीजल से चलने वाले पहले वाहन टियागो कार को चलाया. साथ ही इसके ग्रीन डीजल के वाहनों में इस्तेमाल का शुभारंभ किया. आईआईपी के निदेशक डॉ. अंजन रे ने बताया कि इस ग्रीन और पर्यावरण सौम्य ईंधन को 'दिलसाफ' (ड्रॉप इन लिक्विड सस्टेनेबल एविएशन और ऑटोमोटिव फ्यूल) नाम दिया गया है.

ग्रीन डीजल भरवाते सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. मांडे.

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आईआईपी निदेशक डॉ. अंजन रे ने कहा कि ऊर्जा मांग और पर्यावरण संरक्षण का सक्षम समाधान है. देशीय अपशिष्ट कार्बन स्रोत और इनके इस्तेमाल से न केवल हम आयात पर अपनी निर्भरता को कम कर देश की आर्थिक प्रगति में सहायक हो सकते हैं. बल्कि गांव-गांव, जन-जन ग्रीन डीजल को इस क्रांति का भागीदार बना कर आर्थिक विकास में सहयोग दे सकते हैं.

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