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देश को मिले 333 जांबाज, जानिए उत्तराखंड से कितने बने सैन्य अफसर - Indian Army get 333 officers

आईएमए देहरादून में आज पासिंग आउट परेड हुई. 423 जेंटलमैन कैडेट अफसर बन गए. इनमें भारत के 333 जेंटलमैन कैडेट सेना में अधिकारी बने. मित्र देशों के 90 जेंटलमैन कैडेट अफसर बने.

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देश को मिले 333 जांबाज अफसर.

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Published : Jun 12, 2020, 8:29 PM IST

Updated : Jun 13, 2020, 2:22 PM IST

देहरादून: आज आईएमए की पासिंग आउट परेड में 423 जेंटलमैन कैडेट्स अफसर बन गए. इनमें 333 भारतीय कैडेट्स और मित्र देशों के 90 कैडेट्स अफसर बने. आईएमए की पासिंग आउट परेड में इस बार उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 66 कैडेट्स अफसर बने हैं. उत्तराखंड से इस बार 31 कैडेट्स सेना में अफसर बने. दूसरे नंबर पर 39 कैडेट्स के साथ हरियाणा रहा.

मित्र देशों की सेना को मिले इतने अधिकारी.

सेना प्रमुख एमएम नरवणे की मौजूदगी में नए सैन्य अफसरों को शपथ दिलाई गई. पासआउट अधिकारियों को उनके रेजिमेंट में तैनाती दे दी जाएगी. आज हुई पासिंग आउट परेड के दौरान दर्शक दीर्घा पूरी तरह से खाली रही. इस दौरान लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए परिजनों ने अपने बच्चों की परेड घर बैठे देखी.

किस राज्य से कितने कैडेट्स.

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मित्र देशों की सेना को मिले इतने अधिकारी

इस बार पासिंग आउट परेड से मित्र देशों को भी 90 अधिकारी मिले. अफगानिस्तान के 48, भूटान के 13, फिजी के 2, मालदीव के 3, मॉरीशस के 3, नेपाल से 3, पापुआ न्यू गिनी का 1, श्रीलंका का 1, वियतनाम का 1 और तजाकिस्तान के 18 कैडेट्स अफसर बने.

किस राज्य से कितने कैडेट्स

किस राज्य से कितने कैडेट्स.

इस बार भारतीय सेना को 333 जांबाज अधिकारी मिले. उत्तर प्रदेश से 66, हरियाणा से 39, उत्तराखंड से 31, बिहार से 31, पंजाब से 25, महाराष्ट्र से 18, हिमाचल प्रदेश से 14, जम्मू कश्मीर से 14, राजस्थान से 13, मध्य प्रदेश से 13, केरल से 8, गुजरात से 8, दिल्ली से 7, कर्नाटक से 7, पश्चिम बंगाल से 6, आंध्र प्रदेश से 4, छत्तीसगढ़ से 4, झारखंड से 4, मणिपुर से 4, चंडीगढ़ से 3, असम से 2, उड़ीसा से 2, तमिलनाडु से 2, तेलंगाना से 2, मेघालय, मिजोरम, और लद्दाख से एक-एक कैडेट पास आउट होकर सेना में अफसर बन गए हैं. वहीं, नेपाल के तीन नये सैन्य अधिकारी भी भारत में सेवा देंगे.

किस राज्य से कितने कैडेट्स.

बता दें कि, 1 अक्टूबर 1932 में 40 कैडेट्स के साथ आईएमए की स्थापना हुई और 1934 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पहला बैच पासआउट हुआ था. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ भी इसी एकेडमी के छात्र रह चुके हैं. इंडियन मिलिट्री एकेडमी से देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं. इनमें मित्र देशों के 2,413 युवा अफसर भी शामिल हैं. आईएमए में हर साल जून और दिसंबर में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया जाता है. इस परेड के दौरान अंतिम पग पार करते ही कैडेट्स सेना में अधिकारी बन जाते हैं.

Last Updated : Jun 13, 2020, 2:22 PM IST

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