श्रीनगर:उत्तराखंड में मतगणना के लिए अब कुछ घंटे रह गए है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में निर्दलीय, यूकेडी और बसपा के प्रत्याशियों पर दबाव बढ़ने लगा है. स्थिति यह है कि कई प्रत्याशियों ने खुद को पहुंच से बाहर कर लिया है तो कुछ प्रत्याशी अब कुछ समय के लिए मोबाइल से तौबा करने की तैयारी कर रहे हैं. चुनावी परिणामों से पहले ऐसा क्यों हो रहा है जानिए.
उत्तराखंड में मतगणना से पहले राजनीति चरम पर है. प्रदेश में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद है, बावजूद इसके राजनीतिक दलों की तिगड़म बाजी अभी से शुरू हो गयी है. हालात ये हैं कि निर्दलीयों के साथ ही यूकेडी और बसपा के प्रत्याशियों से भाजपा के बड़े नेता संपर्क साधने में जुटे हुए हैं. यही नहीं कांग्रेस के नेताओं ने भी इस सेटिंग के खेल में खुद को बनाए रखते हुए ऐसे नेताओं से संपर्क की कोशिशें जारी रखी है. पिछले कुछ दिनों से लगातार फोन के जरिए बातचीत हो रही है तो कुछ नेताओं ने सीधी मुलाकात करके भी आपसी संवाद बढ़ाने की कोशिश की है.
दरअसल, यह सब 36 के जादुई आंकड़े को पाने के लिए किया जा रहा है. आपको बता दें कि प्रदेश में फिलहाल भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला होने की बात कही जा रही है, ऐसे में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है. बस इन्हीं आशंकाओं को देखते हुए दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता ऐसे प्रत्याशियों पर डोरे डाल रहे हैं, जो निर्दलीय या उत्तराखंड क्रांति दल समेत बहुजन समाजवादी पार्टी के सिंबल से चुनाव जीतने की स्थिति में है.
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