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राजधानी की सड़कों पर बढ़ रहा वाहनों का लोड, भविष्य के लिए खतरे की घंटी!

राजधानी देहरादून में वाहनों की संख्या लगतार बढ़ती जा रही है. हर साल औसतन 50 हजार नए वाहन सड़कों पर उतर रहे हैं, जिससे आने वाले समय में दूनवासियों के लिए जाम की समस्या नासूर बन सकती है. जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Increasing number of vehicles in Dehradun
राजधानी में वाहनों की बढ़ती संख्या खतरे की घंटी.

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Published : Jul 19, 2021, 9:16 PM IST

देहरादून: जाम की समस्या से जूझ रहे देहरादून वासियों के लिए आने वाले समय में जाम की समस्या और अधिक विकराल रूप ले सकती है. ऐसा हम नहीं बल्कि देहरादून आरटीओ कार्यालय से मिले आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. इस पर देहरादून के वरिष्ठ स्तंभकार डॉक्टर सुशील कुमार ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि अगर वाहनों की संख्या इसी तरह बढ़ती रही तो आने वाले कुछ सालों में राजधानी दून का हाल ऐसा हो जाएगा कि सड़क पर वाहन तो होंगे लेकिन चलेंगे नहीं.

वरिष्ठ स्तंभकार डॉ. सुशील कुमार सिंह ने चंता जाहिर की है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि साल 2008 तक भी राजधानी देहरादून में वाहनों की संख्या बहुत अधिक नहीं बढ़ी थी, लेकिन बीते 10 से 12 सालों में स्थिति कुछ यह हो गई है कि अब देहरादून की सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आते हैं. उन्होंने बताया कि वाहनों की बढ़ती संख्या के पीछे की प्रमुख वजह यह है कि लोगों के लिए अब वाहन खरीदना काफी आसान हो चुका है.

राजधानी में वाहनों की बढ़ती संख्या खतरे की घंटी!

डॉ. सुशील कहते हैं कि एक तरफ लोगों को वाहन खरीदने के लिए बड़ी आसानी से बैंकों से लोन मिल जाता है, तो वहीं अब लोगों के पास वाहन खरीदने के लिए ईएमआई का भी विकल्प है. जिसकी वजह से अब एक ही घर में दो से तीन वाहन होना आम बात हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जनपद में तेजी से बढ़ रही वाहनों की संख्या पर अब सरकार को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि सरकार या तो शहर की तमाम सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य जल्द से जल्द करे या फिर सरकार आम जनता को बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवा उपलब्ध कराएं, जिससे कि लोग अपने घरों से अपने निजी वाहन में नहीं बल्कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से निकलना ज्यादा पसंद करें.

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संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय, देहरादून से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो वाहनों की बढ़ती संख्या भविष्य के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि आरटीओ देहरादून में हर महा औसतन पांच हजार से अधिक वाहन (दोपहिया और चौपहिया) पंजीकृत हो रहे हैं. इस साल जनवरी से अब तक करीब 26 हजार वाहन पंजीकृत हो चुके हैं. इसमें छोटे बड़े दोपहिया और चौपहिया वाहन शामिल हैं.

गौर करने वाली बात ये है कि राज्य गठन के बाद से लेकर अबतक आरटीओ देहरादून में लगभग 10 लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत हो चुके हैं. उस हिसाब से जनपद में हर साल 60 हजार से अधिक नए वाहन सड़क पर उतरते हैं. एआरटीओ देहरादून द्वारिका प्रसाद ने ईटीवी भारत को बताया कि वाहनों की संख्या में प्रतिमाह इजाफा हो रहा है. हालांकि, कोरोना कर्फ्यू के चलते इस साल अप्रैल और मई माह में औसत से कम वाहन पंजीकृत हुए हैं. फिर भी इन दोनों महीनों में साढ़े तीन हजार से अधिक वाहन पंजीकृत हुए हैं.

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आरटीओ देहरादून के मिले आंकड़े: साल जनवरी से मार्च के बीच 5 हजार से अधिक वाहन पंजीकृत हुए थे. वहीं, अब जब कोविड कर्फ्यू में राहत के तहत देहरादून आरटीओ कार्यालय में काम दोबारा शुरू हो चुका है, ऐसे में जून महीने में लगभग 3100 वाहन पंजीकृत हुए हैं. इसके साथ ही जुलाई माह में अब तक 1500 से ज्यादा वाहनों का पंजीकरण हो चुका है.

पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो आरटीओ कार्यालय देहरादून में साल 2018 में छोटे बड़े 78,551 वाहन पंजीकृत हुए, साल 2019 में 64,139 वाहन और साल 2020 में 47,317 वाहन पंजीकृत हुए. देहरादून आरटीओ में इस साल जनवरी से जून तक वाहन संख्या भारी माल वाहन 121, भारी पैसेंजर वाहन 19, हल्के माल वाहन 421, टैक्सी 500, डोमेस्टिक चौपहिया वाहन 8,168, थ्री व्हीलर 170 और दो पहिया 154,43 वाहन पंजीकृत हो चुके हैं.

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