देहरादून: कोरोनाकाल में पिछले काफी समय से ऑनलाइन सामानों की खरीद-फरोख्त करने के नाम पर QR Code पेमेंट की आड़ में धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर पुलिस द्वारा इस बारे में लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. बावजूद इसके जागरूकता के अभाव में लोग लंबे समय से क्यूआर कोड के झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं.
ताजा मामला देहरादून के थाना राजपुर क्षेत्र सहस्त्रधारा रोड का है, जहां एक व्यक्ति द्वारा अपने बच्चे के खिलौने की खरीददारी के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है.
दिल्ली निवासी एक अज्ञात व्यक्ति ने किड्स कार का सौदा तय कर उसकी धनराशि एडवांस में भेजने के लिए पीड़ित से क्यूआर कोड मांगा. जैसे ही क्यूआर कोड भेजा गया, उसी समय शिकायतकर्ता व्यक्ति के बैंक खाते से लगभग 33,000 रुपये कट गए.
इस मामले की शिकायत जब शिकायतकर्ता द्वारा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई तो प्रथम जांच पड़ताल में अज्ञात साइबर अपराधी द्वारा वॉलेट के माध्यम से एचडीएफसी बैंक खाते से यह रकम निकाली गई है. वहीं पता चला कि अज्ञात व्यक्ति का खाता मध्य प्रदेश का है, जबकि मोबाइल से संपर्क करने का नंबर ओडिशा का होना पाया गया है. इस मामले में साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
कोतवाली थाना क्षेत्र में साइबर क्राइम
क्यूआर कोड से दूसरी धोखाधड़ी का मामला भी देहरादून के थाना कोतवाली क्षेत्र का है. यहां से साइबर क्राइम पुलिस को शिकायतकर्ता द्वारा तहरीर देकर जानकारी दी गई कि उनको एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर अपनी बातों में झांसा देकर क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कहा गया. ऐसे में सामने वाले कि बातों पर विश्वास करते हुए शिकायतकर्ता ने जैसे ही QR Code स्कैन किया, उनके खाते से 19,600 रुपये उड़ा लिए गए।.
इस मामले पर भी तहरीर के आधार पर जब साइबर पुलिस ने प्रारंभिक जांच पड़ताल की तो पता चला कि धोखाधड़ी की गई धनराशि गुजरात ICICI बैंक के खाते में ट्रांसफर की गई है. फोन करने वाला मोबाइल नंबर असम का पाया गया है. साइबर पुलिस ने समय रहते ICICI बैंक के इस खाते को फ्रिज कर मुकदमा दर्ज कर लिया है.
ऑनलाइन नौकरी देने के नाम पर धोखाधड़ी
तीसरा मामला देहरादून के थाना नेहरू कॉलोनी क्षेत्र का है यहां शिकायतकर्ता की तहरीर के मुताबिक ऑनलाइन नौकरी लगाने के नाम पर कुछ अज्ञात व्यक्ति द्वारा पहले कॉल कर नौकरी में चयनित होने की बात बताई गई, इसके उपरांत रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर झांसा देकर 10,000 रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई.
साइबर पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला कि 10,000 की धनराशि हरियाणा स्थित एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर की गई है, जिसके बाद बैंक खाते को फ्रिज करा दिया गया है. ऑनलाइन नौकरी देने के नाम पर ठगी करने वाला अज्ञात कॉलर हरियाणा राज्य का बताया जा रहा है इस मामले में साइबर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
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इन सुझावों से साइबर क्राइम से बचा जा सकता है
1-उत्तराखंड साइबर पुलिस के मुताबिक किसी भी अजनबी व्यक्ति या ऐसे अज्ञात से मिलने वाले एसएमएस संदेश का जवाब ना दें जिसे आप नहीं जानते हैं.
2-इन दिनों बैंक KYC और मोबाइल नंबर के केवाईसी अपडेट करने के नाम पर लगातार ठगी की जा रही है. ऐसे में केवाईसी के नाम पर फोन कॉल आने और मैसेज की जानकारियों को किसी के साथ शेयर ना करें.
3-उत्तराखंड साइबर पुलिस के मुताबिक किसी भी अनजान व्यक्ति के बहकावे में आकर Any desk , quick support or Remote Access app डाउनलोड ना करें.
4-किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक को क्लिक ना करें.
5-साइबर पुलिस के मुताबिक हमेशा ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए किसी भी पेमेंट गेटवे/ वॉलेट/ मोबाइल एप्लीकेशन पर धनराशि प्राप्त करने के लिए कभी भी ना तो क्यूआर कोड स्कैन करें और ना ही UPI पिन डालें. ऐसा करने पर हमेशा धनराशि आपके खाते से धोखे से निकाली जा सकती है.
किसी भी साइबर क्राइम अपराध के लिए शिकायत और सुझाव के लिए फोन नंबर 0135 2655 900 और ईमेल आइडी ccps.deh@uttarakhandpolice.uk.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है.