देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ किया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए, ताकि युवा इस योजना का लाभ उठा सकें. जन प्रतिनिधियों और जिलास्तरीय अधिकारियों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, इस योजना के तहत लाभार्थियों को लोन लेने में कोई समस्या न हो इसके लिए जिलाधिकारी बैंकर्स से समन्वय करें.
बता दें, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना राज्य के उद्यमशील युवाओं और कोविड-19 के कारण उत्तराखंड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्घ कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे. राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी.
मार्जिन मनी होगी अनुदान के रूप में समायोजित
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों के माध्यम से सभी पात्र विनिर्माणक, सेवा और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वित्त पोषित किया जाएगा. एमएसएमई विभाग द्वारा योजना के अन्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी. विनिर्माण क्षेत्र में परियेाजना की अधिकतम लागत 25 लाख रुपए और सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रुपए होगी.