देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज शाम उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक होगी. बैठक में UKSSSC पेपर लीक विवाद मामले के बीच सरकार अहम फैसला ले सकती है. सीएम धामी पहले ही इसक बारे में बता चुके हैं कि सरकार अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की अटकी भर्ती परीक्षाओं को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग व अन्य भर्ती संस्थाओं से करा सकती है.
इसके साथ ही कैबिनेट के समक्ष भू-कानून पर समिति की सिफारिशों को रखा जा सकता है. वहीं, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लॉजिस्टिक पॉलिसी और उत्पादों के GI टैग के लिए बोर्ड के गठन का प्रस्ताव भी कैबिनेट बैठक में रखे जाने की संभावना है. बैठक समाप्ति के तुरंत बाद सचिवालय मीडिया सेंटर में ब्रीफिंग होगी.
सीएम धामी दे चुके हैं बड़ा बयान:बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समूह 'ग' की लटकी हुई परीक्षाओं को लेकर बड़ा बयान दिया था. सीएम धामी ने कहा था कि वो युवाओं के रोजगार ब्रेक नहीं लगने देंगे. ऐसे में UKPSC (Uttarakhand Public Service Commission) से परीक्षा कराने पर सहमति बन गई है और आगामी कैबिनेट की बैठक में इस मामले में कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा. ऐसे में आज होने वाली कैबिनेट बैठक में इसको लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है. बता दें कि 8 से 10 हजार रिक्त पदों पर भर्तियां होनी है. लोक सेवा आयोग अभी तक ‘क’ और ‘ख’ के पदों पर भर्ती परीक्षा कराता है.
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UKSSSC पेपर लीक:UKSSSC पेपर लीक और विधानसभा बैक डोर भर्ती में हुई गड़बड़ी के बाद उत्तराखंड की सियासत गर्म है. बीती 24 जुलाई को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था. इस मामले में अब उत्तराखंड एसटीएफ की टीम 36 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें परीक्षा करवाने वाली कंपनी के टेक्निकल स्टाफ, आयोग के होमगार्ड, कोचिंग संचालक, कुछ मुन्नाभाई, सचिवालय में तैनात अपर सचिव, जखोल जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह समेत कई लोग शामिल हैं.
विधानसभा बैकडोर भर्ती:इसके अलावा उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती (Uttarakhand Assembly Recruitment Scam) मामला भी इन दिनों सुर्खियों में है. इस मामले में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने तीन सदस्य जांच कमेटी गठित की है, जो एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. पहले चरण में साल 2012 से लेकर अभी (2022) तक की भर्तियों की जांच होगी और दूसरे चरण में राज्य गठन 2002 से लेकर 2012 की भर्तियों की जांच की जाएगी. बता दें विधानसभा भर्ती घोटाले में तमाम नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों के नाम सामने आएं हैं.