देहरादून: उत्तराखंड राज्य में पलायन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. जिसको लेकर शासन स्तर पर समय-समय पर रणनीतियां बनती रहती हैं. लिहाजा, इसी क्रम में गुरुवार को सचिवालय में नीति आयोग के सदस्य की मौजूदगी में बैठक आयोजित की गई. जिसमें राज्य के सीमांत क्षेत्रों और अन्य क्षेत्रों में बढ़ रहे पलायन को रोकने और किस तरह पलायन को रिवर्स पलायन में बदला जा सके समेत तमाम बिंदुओं पर चर्चा किया गया.
बैठक में तय हुआ कि राज्य में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने से स्थानीय लोगों को काम मिलेगा, जिससे पलायन रुकेगा. साथ ही स्थानीय कृषि को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि के मोड में बदलाव की जरूरत है. क्योंकि, पहाड़ी जनपदों में एक ही तरह की कृषि होती है. इसलिए परम्परागत कृषि के आलावा ऑर्गेनिक कृषि और अन्य फसलों कि खैती को भी बढ़ावा देने की जरूरत है. इससे पलायन तो रुकेगा ही साथ ही रिवर्स पलायन भी होगा.
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि सीमान्त क्षेत्र में जनसंख्या की कमी नहीं होना चाहिए. क्योंकि, ये आबाद गांव सीमा प्रहरी का कार्य करते हैं. साथ ही राज्य में कृषि के प्रति घटते रुझान पर चिन्ता व्यक्त करते हुए सुझाव दिया गया कि लैण्ड लीजिंग कानून में परिवर्तन करके कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. जिससे खाली जमीन का उपयोग हो सके.