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Ghee Sankranti 2023: आज है उत्तराखंड का लोक पर्व घी संक्रांति, घी नहीं खाया तो अगले जन्म में बनोगे घोंघा, क्या है सच?

उत्तराखंड अपनी संस्कृति और लोकपर्व के लिए जाना जाता है. उत्तराखंड के ऐसा ही एक पारंपरिक पर्व है घी संक्रांति, जिसे उत्तराखंड के लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. आज आपको उत्तराखंड के इस लोकपर्व के बारे में बताते हैं.

Ghee Sankranti 2023
Ghee Sankranti 2023

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Published : Aug 17, 2023, 11:37 AM IST

Updated : Aug 17, 2023, 11:56 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड दुनियां भर में अपनी खूबसूरती के साथ लोकपर्वों के लिए जाना जाता है. उत्तराखंड का ऐसा ही एक लोकपर्व है, घी संक्रांति जिसे घ्यू संक्रांत और ओलगिया भी कहते हैं. उत्तराखंड में आज 17 अगस्त को घी संक्रांति मनाया जा रहा है. आज के दिन घी खाने का विशेष महत्व है. उत्तराखंड के तमाम बड़े नेता सोशल मीडिया पर प्रदेशवासियों को घी संक्रांति की बधाई दे रहे हैं.

घी संक्रांति यानी सिंह संक्रांति का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. मान्यता के अनुसार जब सूर्य अपनी प्रिय राशि सिंह में प्रवेश करता है तो सिंह संक्रांति मनाई जाती है. इस दिन पवित्र नदियों के स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा और स्नान करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि ऐसा करने से सूर्य देव रूठी किस्मत को भी चमका देते हैं.

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कहा जाता है कि इस दिन घी का सेवन करना शुभ और फालदायी होता है. इसी दिन घी का इस्तेमाल करने के कारण ही इसे घी संक्रांति कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो लोग घी संक्रांति पर घी नहीं खाते हैं, वो अगले जन्म में घोंघा बनते हैं.

घी संक्रांति से जुड़ी मान्यता: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में घी संक्रांति के दिन मक्खन और घी के साथ बेड़ू रोटी (उड़द की दाल की पिट्टी भरी रोटी) खाने का रिवाज है. घी संक्रांति भादो मास की प्रथम तिथि को मनाया जाता है. इन दिन महिलाएं घरों में अपने बच्चों के सिर पर ताजा मक्खन मलती हैं और दीर्घजीवी होने की कामना करती हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घी संक्रांति के अवसर प्रदेशवासियों की बंधाई संदेश दिया है.

Last Updated : Aug 17, 2023, 11:56 AM IST

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