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रामदेव से सवाल: लगातार डॉक्टरों को आघात पहुंचा रहे बाबा, क्या लोगों में संदेह पैदा करना चाहते हैं?

बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच की लड़ाई लंबी होती जा रही है. IMA ने बाबा को 1 हजार करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है.

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देहरादून

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Published : May 26, 2021, 10:06 AM IST

Updated : May 26, 2021, 12:33 PM IST

देहरादूनःयोग गुरु बाबा रामदेव और IMA के बीच चल रही खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है. बाबा रामदेव का एलोपैथिक और डॉक्टरों पर दिए विवादित बयान के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. IMA की उत्तराखंड शाखा ने बाबा रामदेव को अब 1 हजार करोड़ का मानहानि का नोटिस भेजा है.

योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथिक और मेडिकल साइंस पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद चिकित्सक जगत में बेहद आक्रोश है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने बाबा रामदेव को 1 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा है. वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट एग्जीक्यूटिव मेंबर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन डॉ. महेश कुड़ियाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे वक्त में जब इतनी बड़ी वैश्विक महामारी में केवल डॉक्टर ही अग्रिम पंक्ति पर खड़े हैं. उस वक्त बाबा रामदेव जैसे एक योग गुरु का मेडिकल साइंस पर सवाल खड़ा करना हृदय को आघात पहुंचाता है.

IMA ने की बाबा रामदेव पर कार्रवाई की मांग

डॉ. महेश कुड़ियाल के बाबा रामदेव से सवाल

ईटीवी भारत के जरिए डॉ. महेश कुड़ियाल ने बाबा रामदेव से पूछा है कि वह सदियों से चली आ रही प्रमाणित मेडिकल साइंस पर कैसे सवाल खड़े कर सकते हैं. क्या बाबा रामदेव के पास इसका कोई प्रमाण है. डॉ. महेश कुड़ियाल ने बाबा रामदेव से पूछा है कि इस वक्त जहां पूरा देश डॉक्टर को एक उम्मीद के रूप में देख रहा है. उस वक्त लाखों-करोड़ों लोगों के आदर्श बाबा रामदेव समाज को किस दिशा में धकेलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि क्या बाबा रामदेव चाहते हैं कि हर एक शख्स डॉक्टर को संदेह की निगाह से देखे.

ये भी पढ़ेंः IMA रामदेव पर ठोकेगी एक हजार करोड़ का दावा, नोटिस भेज कहा- पहले अपनी योग्यता बताएं बाबा

बिगड़ी सकती है कानून व्यवस्था

डॉ. महेश कुड़ियाल ने कहा कि बाबा रामदेव का यह बयान समाज में लोगों को बरगलाने वाला है. उन्होंने कहा कि इस वक्त सैकड़ों डॉक्टर कोविड-19 महामारी में सबसे आगे सिपाही बनकर खड़े हैं. बाबा रामदेव का यह बयान उन सभी डॉक्टरों के मनोबल को तोड़ता है जो अपनी जान हथेली पर रखकर कोरोना से लड़ाई में सबसे आगे खड़े हैं. डॉ. महेश कुड़ियाल ने कहा कि आज एमबीबीएस के पहले सेमेस्टर के छात्र भी कोविड-19 वॉर्ड में ड्यूटी दे रहे हैं. बाबा रामदेव के इस बयान से उन्हें अपने भविष्य को लेकर बेहद आघात पहुंचा है.

बाबा रामदेव पर हो कार्रवाई

डॉ. महेश कुड़ियाल ने कहा कि इस वक्त सरकार को बाबा रामदेव पर एक्शन लेना चाहिए. क्योंकि सरकार के दिशा-निर्देश पर ही सभी प्रोटोकॉल निर्धारित हैं और सभी दवाइयां निर्धारित हैं. बाबा रामदेव ने डॉक्टरों के साथ-साथ सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं. डॉ. महेश कुड़ियाल का कहना है कि सरकार को इस वक्त शांत रहने की नहीं, बल्कि प्रतिक्रिया देने की जरूरत है. बिना किसी पढ़ाई और बिना किसी सर्टिफाइड प्रमाण के बाबा रामदेव द्वारा अक्सर इस तरह के बयान दिए जाते हैं. सरकार का मौन बाबा रामदेव को और साहस देता है.

ये भी पढ़ेंः बाबा रामदेव ने IMA और फार्मा कंपनियों से पूछे 25 सवाल

सोमवार को बाबा रामदेव ने पूछे थे 25 सवाल

सोमवार को बाबा रामदेव ने आईएमए और फार्मा कंपनियों के लिए एक पत्र जारी करते हुए पूछा था कि एलोपैथी के पास हाईपरटेंशन और उसके कंप्लीकेशन्स के स्थाई समाधान क्या है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी के संबंध में ऐसे ही 25 सवाल पूछे थे.

आईएमए का जवाब

इसके जवाब में आईएमए ने पत्र जारी करते हुए कहा था कि बाबा पहले अपनी योग्यता बताएं, फिर हम सवालों के जवाब देंगे. आईएमए उत्तराखंड के प्रदेश सचिव डॉ. अजय खन्ना की ओर से मंगलवार को बाबा रामदेव को छह पेज का नोटिस भेजा गया. इस नोटिस में उन्होंने कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बाबा के बयान से आईएमए उत्तराखंड से जुड़े दो हजार सदस्यों की मानहानि हुई है. उन्होंने कहा कि एक सदस्य (डॉक्टर) की पचास लाख की मानहानि के अनुसार कुल एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा किया जाएगा.

Last Updated : May 26, 2021, 12:33 PM IST

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