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बिल्डरों के लिए संजीवनी बना गढ़वाल कमिश्नर का स्टे, धड़ल्ले से हो रहा अवैध निर्माण

तीर्थनगरी में बिल्डरों के लिए गढ़वाल आयुक्त द्वारा मिला स्टे संजीवनी साबित हो रहा है. स्टे मिलने के बाद बिल्डर धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं, जो सीधे तौर पर नियमों के खिलाफ है.

तीर्थनगरी

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Published : Nov 7, 2019, 12:57 PM IST

ऋषिकेशः तीर्थनगरी ऋषिकेश में अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों के लिए गढ़वाल आयुक्त द्वारा मिला स्टे संजीवनी साबित हो रहा है. जी हां, एमडीडीए द्वारा सीलिंग के आदेश होने के बाद निर्माण कार्यों पर कमिश्नर ऑफिस से स्टे मिलने के बाद बिल्डर धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं. प्राधिकरण इन पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है.

आपको बता दें कि 31 अक्टूबर को एमडीडीए के अधिकारी भरत विहार स्थित बहुमंजिला इमारत को सील करने पहुंचे थे लेकिन इससे पहले ही निर्माणकर्ताओं ने उनके सामने गढ़वाल कमिश्नर का स्टे रख दिया, जिस कारण अधिकारी भवन को बिना सील किए ही वापस लौट गए.

तीर्थनगरी में अवैध निर्माण कार्य नहीं थम रहा.

वहीं बेखौफ बिल्डर स्टे दिखाने के बाद फिर से निर्माण कार्य करने में जुट गए. एमडीडीए के अधिकारी निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगा पाए, जबकि अगर किसी भवन पर स्टे का आदेश होता है तो उसका अर्थ होता है यथास्थिति बरकरार रखना.

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गढ़वाल कमिश्नर द्वारा स्टे मिलने पर कमिश्नर रविनाथ रमन ने ईटीवी भारत को बताया कि यह एक न्यायिक प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में जब यह लगता है कि निचले कोर्ट द्वारा इनकी सुनवाई ठीक प्रकार से नहीं हुई है तो इस हालात में उनको स्टे दिया जाता है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसका यह मतलब नहीं कि स्टे दिखाकर निर्माण कार्य जारी रखें.

इस तरह का कोई भी आदेश नहीं दिया जाता. अगर ऐसा कोई भी कर रहा है तो वह नियमों के खिलाफ है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

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